उत्तर प्रदेश लाइफस्टाइल

कल जुटेंगे प्रदेश भर के बिजली अभियंता और कर्मचारी, निजीकरण के विरोध में ले सकते है बड़ा निर्णय

इलेक्ट्रिीसिटी (अमेण्डमेन्ट) बिल 2018 एवं निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मचारियों व अभियन्ताओं का प्रान्तीय सम्मेलन 27 नवम्बर को

सम्मेलन में हड़ताल का निर्णय होगा

         लखनऊ !  विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र के तत्वावधान में आगामी 27 नवम्बर को लखनऊ में प्रदेश के सभी ऊर्जा निगमों के कर्मचारियों व अभियन्ताओं का विशाल प्रान्तीय सम्मेलन आयोजित किया गया है। सम्मेलन में केन्द्र सरकार द्वारा संसद के शीतकालीन सत्र में लाये जा रहे इलेक्ट्रिीसिटी (अमेण्डमेन्ट) बिल 2018 एवं निजीकरण के विरोध में तथा अन्य ज्वलन्त समस्याओं पर प्रस्ताव पारित कर हड़ताल का निर्णय लिया जायेगा। बिजली कर्मियों का प्रान्तीय सम्मेलन 27 नवम्बर को गन्ना संस्थान पे्रक्षागृह, डालीबाग में प्रातः 11ः00 बजे से प्रारम्भ होगा।
         संघर्ष समिति की आज यहां हुई बैठक में समिति के प्रमुख पदाधिकारियों शैलेन्द्र दुबे, राजीव सिंह, गिरीश पाण्डेय, सद्रूद्दीन राना, सुहैल आबिद, राम प्रकाश, विपिन प्रकाश वर्मा, शशिकान्त श्रीवास्तव, डी के मिश्रा, महेन्द्र राय, अशोक कुमार, शम्भू रत्न दीक्षित, पी एस बाजपेई, विशम्भर सिंह, राम सहारे वर्मा, जी पी सिंह, पूसे लाल, भगवान मिश्र, अमिताभ सिन्हा, परशुराम मुख्यतया उपस्थित थे।
         समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि यदि केन्द्र सरकार ने बिजली के निजीकरण हेतु इलेक्ट्रिीसिटी (अमेण्डमेन्ट) बिल 2018  को संसद के शीतकालीन सत्र में पारित कराने की कोशिश की तो देशभर के तमाम बिजली कर्मचारियों व अभियन्ताओं के साथ उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मचारी व अभियन्ता भी बिना और कोई नोटिस दिये उसी दिन लाइटनिंग हड़ताल पर चले जायेंगे।
         समिति ने यह निर्णय लिया कि 27 नवम्बर को होने वाले सम्मेलन में मुख्यतया 06 मांगे रखी जायेंगी। पहली मांग बिजली निगमों का एकीकरण कर उप्र राज्य विद्युत परिषद निगम लि0 का पुर्नगठन करना, दूसरी मांग इलेक्ट्रिीसिटी (अमेण्डमेन्ट) बिल 2018 को वापस लिया जाना व आगरा फ्रेन्चाईजी तथा ग्रेटर नोएडा का बिजली का निजीकरण निरस्त किया जाना, तीसरी मांग सरकारी क्षेत्र के ताप बिजली घरों का नवीनीकरण, उच्चीकरण करना और निजी घरानों से मंहगी बिजली खरीदने हेतु सरकारी क्षेत्र के बिजली घरों के बन्द करने की नीति को वापस लेना, चैथी मांग बिजली कर्मियों की वेतन विसंगतियों का द्विपक्षीय वार्ता द्वारा तत्काल समाधान किया जाना, पांचवी मांग वर्ष 2000 के बाद भर्ती हुए सभी कार्मिकों के लिए पुरानी पेन्शन प्रणाली लागू किया जाना और छठी मांग सभी श्रेणी के रिक्त पदों पर नियमित भर्ती करना और संविदा/ठेकेदारी प्रथा समाप्त कर संविदा कर्मियों को तेलंगाना सरकार के आदेश की तरह नियमित किया जाना है।
          समिति ने यह भी निर्णय लिया कि बिजली के निजीकरण के विरोध सहित उक्त सभी मांगों के समाधान हेतु सम्मेलन में हड़ताल के निर्णय की घोषणा की जायेगी।

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राजेंद्र सिंह

राजेंद्र सिंह (सम्पादक)

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