जी है आम तौर पर होने वाली शादियों में दूल्हे की बरात दुल्हन के घर जाती है, दुल्हन की विदाई होती है, इसी तरह लड़को के पैदा होने पर ख़ुशी का माहौल होता है परन्तु देश का एक ऐसा प्रदेश है जहाँ इन सामान्य परंपरा के बिलकुल विपरीत आचरण अपनाया जाता है ! यह प्रदेश है मेघालय जहाँ की खासी जनजाति में बेटियों को बेटों से भी ऊंचा दर्जा दिया जाता है. लड़की के जन्म पर यहां जश्न मनाया जाता है, जबकि लड़के का पैदा होना बुरा माना जाता है. इस जनजाति में कई ऐसी परम्पराएं हैं, जो आम भारतीय संस्कृति से बिल्कुल उलट हैं. यहां शादी के बाद लड़कियों की जगह लड़कों की विदाई की जाती है. लड़कियां अपने मां-बाप के साथ ही रहती हैं, लेकिन लड़के अपना घर छोड़ घरजमाई बनकर रहते हैं. लड़कियां ही धन और दौलत की वारिस होती हैं.
इस जनजाति की महिलाएं कई पुरुषों से शादी कर सकती हैं. हाल के सालों में यहां कई पुरुषों ने इस प्रथा में बदलाव लाने की मांग की है. उनका कहना है कि वे महिलाओं को नीचा नहीं करना चाहते, बल्कि बराबरी का हक मांग रहे हैं. इस जनजाति में परिवार के तमाम फैसले भी महिलाओं द्वारा लिए जाते हैं.