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नर्सेस हास्टल पर कब्जा प्रकरण में होगी कठोर कार्यवाही : सी एम् ओ

संरक्षण देने वालो को भी नहीं जाएगा बक्शा, राजस्व की भी कराई जायेगी क्षतिपूर्ति

गोण्डा। नर्सेस हास्टल पर कब्जा जमाये बैठे अवैध कब्जेदारों को हर हाल में आवास खाली करना पडेगा, यही नहीं रिटायरमेन्ट के पश्चात भी आवासों में जमें बैठे ऐसे कब्जेदारों से राजस्व की भरपाई भी उन्ही के द्वारा करायी जायेगी।

जिला चिकित्सालय परिसर स्थित बने नर्सेस हास्टल में वर्षो पूर्व रिटायर हो चुके स्वास्थ्य कर्मियों ने रिटायरमेन्ट के बाद भी आवास खाली नहीं किया। जिला चिक्तिसालय प्रशासन से रसूख के बल पर साठंगाठं कर वर्षो से कब्जा किये बैठे प्रकरण के पीछे जिला चिकित्सालय प्रशासन के एक लिपिक की महत्वपूर्ण भूमिका दिखाई दे रही है जो कि प्रत्येक माह एक मोटी रकम ऐसे कब्जेदारों से वसूल रहा है। नियमों के विपरीत सेवानिवृत हो चुके कर्मचारियों का वर्षो से एक ही जगह पर बने रहना विभागीय मिली भगत के बिना संभव नहीं है। मामला सार्वजनिक होने के बाद अब चिकित्सालय प्रशासन कार्यवाही किये जाने का ढोग कर रहा है। सेवा निवृत नियमावली के विपरीत सेटिंग गेटिंग के बल पर वर्षो से रिटायर कर्मचारियों को आवासीय सुविधा उपलब्ध कराये जाने की गम्भीर प्रकरण पर न्यायोचित रूख दिखाते हुए मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 संतोष कुमार श्रीवास्तव ने इसे गम्भीर अनियमितता माना है। उन्होनें ऐसे अवैध कब्जेदारों से नर्सेस हास्टल शीघ्र ही खाली कराये जाने का आश्वासन दिया है।

उन्होनेंं कहा कि यह प्रकरण अभी दो दिन पूर्व ही उनके संज्ञान में आया हैं। सेवानिवृत के प्श्वात इतने लम्बे समय तक कर्मचारियों के द्वारा आवास खाली न करना गम्भीर अनियमितता है। इस प्रकरण में न्यायोचित कार्यवाही की जायेगी। उन्होनें यह भी कहा है कि निश्चित ही वर्षो से चिक्तिसालय प्रशासन को लाखों के राजस्व का चूना लगाने वाले कब्जेदारों से ही इसकी छतिपूर्ति भी करवायी जायेगी। मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा गम्भीर अनियमितता पर कार्यवाही के आष्वासन पर जिला चिकित्सालय प्रशासन मे हडकंप मच गया है। प्रकरण पर जिला चिकित्सालय प्रशासन को आनन फानन मे ंऐसे कब्जेदारों को ंनोटिस जारी करना पडा।

नर्सेस हास्टल घोटाले के इस प्रकरण पर भले ही स्वास्थ्य विभाग कठोर कार्यवाही का आवश्वासन दे रहा है किन्तु इसका असर इन अवैध कब्जेदारों पर पडेगा अभी इसमें संशय है। सेवानिवृति नियमावली उल्लघंन प्रकरण पर वर्षा से आखें मूदें रहने वाला जिला चिकितसालय प्रशासन इस घोर लापरवाही के लिए पूर्ण रूप् से जिम्मेदार है। इस कार्य में लिप्त लिपिकीय कार्य करने वाला लिपिक मुख्य रूप् से इसका दोषी है। क्या जिले के मुख्य चिकित्साधिकारी अपने विभाग के ही ऐसे दोषी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्व कोई कठोर दण्डात्मक कार्यवाही करेगें।

इस गम्भीर प्रकरण में यह बात तो बिल्कुल स्पष्ट है कि रिटायर कर्मचारी नर्सेस हास्टल मेें जहां अवैध रूप् से कब्जा किये जाने, राजस्व को हानि पहुचाने के दोषी है, वहीं चिक्तिसालय प्रशासन उन्हें इस कृत्य से रोकने में पूरी तरह से अक्षम साबित हुआ है। ऐसे में जिला चिकित्सालय प्रशासन के अधिकारी एवं कर्मचारी पर कार्यवाही न कर मात्र अवैध कब्जेदारों पर कार्यवाही करना न्यायोचित नहीं होगा। देखना यह हे ि कइस प्रकरण में दोनों दोषियो ंपर मुख्य चिकत्साधिकारी क्या कार्यवाही करते है।

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अशफ़ाक़ शाह

(संवाददाता)

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