गोण्डा। जिला चिकित्सालय को मण्डल का मुख्यालय चिकित्सालय भी कहा जाता है। कहते है कि जब जिले के स्वास्थ्य सेवाओं को हाल देखना हो तो, जिला चिकित्सालय में उपलब्ध सेवाओं को देखिए। यहां आम जनमानस को उपलब्ध करायी जा रही सेवाऐं असल में जिले में उपलब्ध सेवाऐ हैं। विगत की स्थिति को यदि छोड दिया जाये तो इस वर्ष जिला चिकित्सालय में बडी तेजी के साथ कई जनउपयोगी निर्माण कार्य कराये गये, साथ ही स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए चिकित्सालय प्रशासन द्वारा कई प्रयास भी किये गये। यह पिछले कई वर्षों की तुलना में एक बडी उपलब्धि है। इनमें मुख्यतः बच्चों को नया बनाया गया पीकू वार्ड, तीमारदारों के लिए निर्मित प्रतीक्षालय, नेत्र विभाग के मरीजों के लिए प्रतीक्षालय, लाश घर का जीर्णाद्वार व चिकित्सालय को मुख्य औषधीय पार्क शामिल है। इस बाद पूर्व में कराये जा रहे चिकित्सायल के रंग रोगन कार्य में भी बदलाव किया गया और नये रंगों को चयन कर चिकित्सालय को एक नया रूप् भी दिया गया।
यह वर्ष समाप्त होते होते एक बार फिर जिले की जनता को दो स्वास्थ्य सेवाओं के लिए निराशा ही हाथ लगी जिनमें निर्माणाधीन एमआरआई सेन्टर यूनिट व डायलिसिस यूनिट का कार्य पूरा न हो पाने की वजह से इस वर्ष भी लोगो को इस सुविधा से वचिंत रहना पडा। चिकित्सालय प्रशासन के अनुसार वर्ष 2019 मे ंयह सेवाऐं उपलब्ध करायी जा सकती हैं। चिकित्सालय प्रशासन के द्वारा तेजी ेस कराये जा रहे कायो्र्र को लेकर प्रदेश स्वास्थ्य प्रशासन ने जनपद के चिकित्सालय को प्रदेश के टाप फाइव चिकित्सालयों की सूची में जगह दी है यह भी जनपद के लिए एक बडी उपलब्धि है। एक जनवरी को प्रदेश स्तरीय एक उच्चस्तरीय यूपीएचएसएसपी की टीम यहां पहुंच रही है, जो कराये गये सभी निर्माण कार्यो का वीडियाग्राफी भी करायेगी। वर्ष 2018 समाप्त होते ही वर्ष 2019 में जिले को बेहतर स्वास्थ्य सेवायें देने के लिए जिला चिकित्सालय प्रशासन एवं कर्मचारियों मे ंएक नया जोश दिखाई पड रहा है और वे इसके लिए प्रयासरत है।
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