उत्तर प्रदेश गोंडा लाइफस्टाइल

कैसे पाएंगे किसान सम्मान निधि योजना का लाभ, प्रसाशन ने जारी किये दिशानिर्देश

किसान सम्मान निधि योजना का लाभ लेने के लिए अभिलेख जमा करें किसान, डीएम ने की अपील
गोंडा ! प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत पात्र किसानांे को लाभान्वित किए जाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा डाटा कलेक्शन का कार्य शुरू कर दिया गया है. जिलाधिकारी कैप्टेन प्रभान्शु श्रीवास्तव ने किसानों से अपील किया है कि जो भी किसान भारत सरकार की किसान सम्मान निधि योजना के लिए पात्र हों अर्थात जिनके पास दो हेक्टेयर से कम जमीन हो, वे अपने ब्लॉक के सरकारी बीज भंडार कार्यालय पर अपना आधार कार्ड,  खतौनी या किसान बही,  बैंक पास बुक की छायाप्रति तथा मोबाइल नंबर जमा कर दें. उन्होने बताया कि योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को पंजीकरण कराना अनिवार्य है. जिन किसानों ने डीबीटी  योजना के तहत पहले से पंजीकरण कराया हुआ है उन्हें दुबारा पंजीकरण कराने की जरूरत नहीं है. जिलाधिकारी ने बताया की ऐसे किसान जिनका रकबा दो हेक्टेयर से कम हो उन्हें सकार द्वारा किसान सम्मान निधि के तहत तीन किस्तों में दो-दो हजार की तीन किस्तों में छः हजार रुपए सालाना दिए जाएंगे. वहीं डीएम ने जिला कृषि अधिकारी तथा राजस्व विभाग के कर्मियों को युद्धस्तर पर कार्य कर डाटा तैयार कराने के निर्देश दिए हैं।

किसान सम्मान निधि के लिए पात्रता सम्बन्धी जारी हुए निर्देश

उत्तर प्रदेश शासन लघु एवं सीमान्त किसानों की आय बढाने हेतु ‘‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पी0एम0-किसान)‘‘ योजना के क्रियान्वयन के सम्बन्ध में निर्देश निर्गत किये गये हैं। यह जानकारी देते हुए जिलाधिकारी कैप्टेन प्रभान्शु श्रीवास्तव ने बताया कि जारी किए गए निर्देशों के अनुसार लघु एवं सीमान्त कृषकों के परिवारों को प्रति वर्ष 6000/- रूपये डायेरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर (डी0बी0टी0 के माध्यम से प्रदान किया जायेगा। यह धनराशि 4-4 माह के अन्तराल में      रू0 2000/- की तीन समान किस्तों में लघु एवं सीमान्त कृषकों के परिवारों के बैंक खाते में स्थानान्तरित किया जायेगा। शासन द्वारा जारी किये गये आदेश में राज्य सरकारों से लघु एवं सीमान्त कृषक परिवारों से नाम, पता, बैंक खाता संख्या, आधार संख्या (जिन कृषकों के पास आधार संख्या उपलब्ध न हो तो उनका आधार इनरोलमेंट नम्बर) मोबाइल फोन नम्बर इत्यादि उपलब्ध कराये जायें। प्रथम किस्त आधार नम्बर अथवा भारत सरकार के निर्धारित किसी अन्य पहचान पत्र के आधार पर दी जा सकती है, किन्तु वित्तीय वर्ष 2019-20 में मिलने वाली किस्तों के लिए आधार नम्बर का होना अनिवार्य होगा।
उन्होने बताया कि जनपद के कतिपय श्रेणी के कृषकों के परिवारों को इस योजना के गाइडलाइन में अपात्र घोषित किया गया है। अपात्र घोषित होने वाले ऐसे किसान जिस परिवार के पास 02 हेक्टेयर से अधिक जमीन है। भूतपूर्व अथवा वर्तमान संवैधानिक पदधारक है, भूतपूर्व अथवा वर्तमान मंत्री, राज्यमंत्री या भूतपूर्व, वर्तमान सदस्य लोक सभा, राज्य सभा , राज्य विधान सभा, राज्य विधान परिषद या भूतपूर्व अथवा वर्तमान नगर महापालिका के मेयर या भूतपूर्व अथवा वर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष है, केन्द्र व राज्य सरकार के कार्यालय,  विभागो के अधिकारी एवं कर्मचारी, केन्द्र और राज्य सरकार सहायतित अर्ध सरकारी संस्थान तथा सरकार से संबद्ध समस्त कार्यालय, स्वायत्तशासी संस्थान तथा स्थानीय निकायों के नियमित कार्मिक ( चतुर्थ श्रेणी, समूह-घ के कार्मिको को छोड़कर ) है, विगत कर निर्धारण वर्ष मे आयकर का भुगतान किया गया है, आपकी मासिक पेन्शन रू0 10,000 से अधिक है ? ( चतुर्थ श्रेणी, समूह-घ के सेवानिवृत्त पेंशनर्स को छोड़कर ),पेशेवर डाक्टर, इंजीनियर, अधिवक्ता, चार्टेड एकाउन्टेंट अथवा आर्कीटेक्ट इत्यादि की श्रेणी में है और अपने से सम्बन्धित पेशे के लिए पंजीकरण करने वाली संस्था में पंजीकृत है तथा तद्नुसार अपने पेशे में कार्यरत है।

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राजेंद्र सिंह

राजेंद्र सिंह (सम्पादक)

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