शिक्षा, मानवता से देवत्व की ओर अग्रसर करती है: डॉ श्रीवास्तव
शास्त्री समारोह के चतुर्थ दिवस में आयोजित हुए विभिन्न कार्यक्रम
गोण्डा ! (यूपी) शिक्षा हमे संस्कारित करके, पशुता से मानवता व मानवता से आगे देवत्व की ओर अग्रसर करती है। उक्त बातें केआरएस महाविद्यालय, बहराइच के शिक्षाशास्त्र विभाग के विषय विशेषज्ञ के रूप में डॉ शिवम श्रीवास्तव ने लालबहादुरशास्त्री महाविद्यालय में चल रहे शास्त्री समारोह में आयोजित “व्यवहारिक जीवन मे शिक्षा की उपादेयता” विषय पर एक दिवसीय व्याख्यान में बोलते हुए कहा। उन्होंने कहा कि शिक्षा मनुष्य की विकृति को नष्ट करके प्रकृति से तथा प्रकृति से जोड़कर संस्कृति की ओर ले जाकर संस्कार सिखाती है। विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आसपास की चीजों से जुड़ कर, बिना किसी पर आश्रित रहते हुए अपनी स्वयं की भागीदारी से आगे बढ़ना चाहिए।
डॉ श्रीवास्तव ने कहा किसी भी परिवर्तन का समर्थन या विरोध तभी करना चाहिए जब उस परिवर्तन का यथार्थ ज्ञान हो।
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ एचपी श्रीवास्तव ने कहा कि जिस प्रकार भोजन से शरीर को ऊर्जा मिलती है, ठीक उसी प्रकार शिक्षा से बुद्धि को ऊर्जा मिलती है।
समारोह के संयोजक व राजनीतिविभाग के विभागाध्यक्ष डॉ अतुल कुमार सिंह ने कहा कि शिक्षा मन एवम बुद्धि दोनों का परिष्कार है।
समारोह में अन्तरमहाविद्यालयी निबंध प्रतियोगिता के फाइनल राउंड का तथा महाविद्यालय स्तर पर रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इन प्रतियोगिताओं का परिणाम 14 फरवरी को घोषित किया जाएगा।
इस दौरानइस दौरान मुख्य नियंता डॉ जितेंन्द्र सिंह, डॉ बीसीएचएनके श्रीनिवास राव, डॉ आरबीएस बघेल, डॉ श्याम बहादुर सिंह, डॉ रंजन शर्मा, डॉ राम समुझ सिंह, डॉ रेखा शर्मा, डॉ आर एस पांडेय, डॉ ओंकार पाठक, डॉ लोहांश कल्याणी, डॉ शैलेन्द्र नाथ मिश्र, डॉ जय शंकर तिवारी, पवन कुमार सिंह, डॉ मुकुल सिन्हा, डॉ श्रवण श्रीवास्तव, डॉ बीपी सिंह, डॉ केएन पांडेय, डॉ राजीव अग्रवाल,डॉ विजय अग्रवाल, डॉ वंदना सारश्वत, डॉ शशिबाला, डॉ ममता शुक्ला, डॉ संदीप श्रीवास्तव, डॉ ऋषिकेश सिंह, डॉ शरद चंद्र मिश्र, डॉ गोरे लाल प्रजापति, डॉ शिव शरण शुक्ल, डॉ रामिन्त पटेल, डॉ संजय शुक्ल, डॉ संजय पांडेय, अर्जुन वर्मा, राम भवन सिंह, शरद कुमार पाठक, राज कुमार माथुर, छेदी लाल चौबे, हरि राम, गंगादीन सहित महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक व कर्मचारी उपस्थित रहे।