उत्तर प्रदेश गोंडा राजनीति

बालू माफिया सहित राजनैतिक धुरंधरों ने जिले में बढ़ाया चुनावी तापमान

गोण्डा। जिले में 2019 सामान्य लोकसभा निर्वाचन की चुनावी सरगर्मिया अब धीरे धीरे तेज हो गयी हैं नामांकन एवं नाम वापसी की तिथि निकल जाने के बाद अब धीरे धीरे यह सरगर्मियां जनसभाओं एवं रैलियों मे तब्दील होना आरम्भ हो गयी है।

गोण्डा 59 लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड रहे प्रत्याशी अब वोटरों को अपने खेमे में लाने के लिए चुनावी गणित लगाकर धर्म, जाति, राजनीतिक पकड, एवं असर, पारिवारिक पृष्ठभूमि को आधार पर गोटियां बिठाने में लग गये हैं। चुनाव का माहोल अब अपने पूरे शबाव पर है। एक तरफ पूर्व सांसद भाजपा कीर्तिवर्धन सिंह उर्फ राजा भैया जहां पुनः राष्ट्वाद एवं मोदी लहर के सहारे अपनी चुनावी वैतरणी पार करने के जुगत में लगे हुए है वहीं विपक्ष में रहे राजनीतिक पार्टियों के प्रत्याशियों में भी इस बार खुद की विजय को लेकर उम्मीद की किरण नजर आ रही है। इस बार सपा बसपा गठबंधन की सीट से समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक और मंत्री रहे विनोद कुमार िंसंह उर्फ पण्डित सिंह अपने पूरे दमखम के साथ मैदान मे ंताल ठोक रहे है और अपनी जीत को लेकर आश्वस्त भी नजर आ रहे है। इस बाद कांगेस की सपा बसपा से गठबंधन अंत समय तक न हो पाने की वजह से वह असंमजस में फंसी रह गयी।

विगत कई वर्षो से गोण्डा लोकसभा सीट पर कांगेस मे ंरहकर अपनी जमीन तैयार कर रहे कुतुबूद्वीन खां उर्फ डायमंड अपने टिकट को लेकर आश्वस्त थे किन्तु अन्तिम समय में पार्टी ने उन्हें रिजेक्ट कर दिया और अपना दल के एक धडे से गठबंधन के चलते गांण्डा सीट पर पैराशूट प्रत्याशी के रूप् में कृष्णा पटेल को मैदान मे ंउतार दिया। वह जिले में साढे तीन लाख कुर्मी वोटो के साथ साथ अन्य पिछडे एवं दलित वोटो को अपने पाले में आ जाने की चमत्कारिक खुशफहमी के साथ अपनी जीत को निश्चित मान रही हैं वही दूसरी ओर अपनी राजनीतिक पारी को जारी रखने के लिए डायमंण ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया और चाभी के सहारे वह उनसे गोण्डा लोससभा से सांसद प्रत्याशी के रूप् में सामने हैं।

प्रगतिशील समाजवारी पार्टी ने डायमंड के रूप् में जिले में नये चेहरे के विकल्प के साथ ही सवर्णो, पिछडो ंएंव दलितो के वोट को अपनी झोली में गिरना लगभग तय मान रही है और इसी आधार पर वह अपनी जीत के प्रति निश्चित नजर आ रही है। जिले की इसी सीट पर अन्य नये चेहरे भी मैदान में है जिसमें जिले में बालू खनन माफिया के रूप में बुरी तरह कुख्यात हो चुके और कई बाद प्रशासन के द्वारा कार्यवाही के शिकार हो चुके हाफिज अली पहली बार पीस पार्टी से गोण्डा संसदीय सीट से अपना भाग्य आजमा रहे हैं। उनके आने से इस सीट पर भले ही कोई बडा प्रभाव न पडे किन्तु वह चुनाव मैदान मे ंउतर कर चर्चा मे जरूर आ गये हैं। इसी सीट से मोमिन असांर सभा के जिलाध्यक्ष जावेद अंसारी भी अचानक विश्वमानव सजाज कल्याण परिषद पार्टी से टिकट पाकर प्रकट हुए हैं। इस सीट पर चुनाव लड रहे अन्य प्रत्याशियों की अपेक्ष जावेद अंसारी सबसे युवा एंव बहुत ही साधारण परिवार से जुडे प्रत्याशी है और अपनी जीत के प्रति पूरी तरह आश्वस्त भी हैं।

इन चर्चित प्रत्याशियों के अलावा अन्य आठ प्रत्याशी और भी है जिनमें भारतीय राष्ट्ीय समाज पार्टी से धनीराम, निर्दलीय पीर अली, किसान महासंघ से राधेश्याम, सुहैलदेव भारतीय समाज पार्टी से राधेश्याम, निर्दलीय मो0 अरबी, निर्दलीय महेश सिंह, निर्दलीय नरेन्द्र िंसह, आल इण्डिया फारवर्ड ब्लाक से मुबारक अली, भारतीय प्रगतिशील पार्टी से आसमान दत्त भी अपनी बातें जनता के सामने रखकर अपनी जीत सुनिश्चित मान रहे हैं। सभी प्रत्याशी अब क्षेत्रों में चुनावी जनसभा का आयोजन शुरू कर चुके हैं और ये जनता के सामने नये नये वादे करके खुद को वोट देने की अपील कर रहे हैं।

जिले की जनता को चाहिए कि वह अपने स्वविवेक से निर्णय लेकर भयमुक्त रहकर अपने पंसदीदा जनप्रतिनिधि को वोट करे।

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अशफ़ाक़ शाह

(संवाददाता)

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