उत्तर प्रदेश गोंडा लाइफस्टाइल स्वास्थ्य

जाने, अब किन खतरनाक बीमारियों की जांचे उपलब्ध हो रही चिकित्सालय में

एक ही छत के नीचे उपलब्ध होगी डेगूं, मलेरिया, चिकन गुनिया, स्क्रब टायफस, जापानी इन्सेफलाइटिस ‘‘दिमागी बुखार’’ जैसे जटिल एंव महँगी जांच

ब्लड बैंक में जल्द स्थापित होगी सेन्टिनल लेबोरेटरी

गोण्डा। बेहद खतरनाक जानलेवा गम्भीर संक्रामक रोगों की चपेट में आने वाले लोगो के लिए जिला चिकित्सालय से एक अच्छी खबर निकल कर सामने आयी है। जिला चिकित्सालय के ब्लड बैंक में एक सेन्टिनल लेबोरेटरी की स्थापना की जा रही है जहां गम्भीर जानलेवा संक्रामक रोगों की जांच की सुविधा एक ही छत के नीचे आम जनमानस को उपलब्ध करायी जायेगी। इनमें डेगूं, मलेरिया, चिकन गुनिया, स्क्रब टायफस, जापानी इन्सेफलाइटिस ‘‘दिमागी बुखार’’ जैसे जटिल एंव महंगे जांच शामिल है।

जिले के लोगों को अब गम्भीर संक्रामक रोगों के चपेट में आने से मंहगें एवं बेहद जटिल जांचों के लिए राजधानी के चक्कर नहीं लगाना पडेगा। खतरनाक डेगूं, चिकन गुनिया, जापानी इन्सेफलाइटिस, स्क्रब टायफस, मलेरिया जैसी बीमारियों के लिए इक्का दुक्का जाचों को छोड दे तो अन्य जाचें अभी तक जिले ही नहीं वरन मण्डल में भी उपलब्ध नहीं हैं। लेकिन शीघ्र ही यह सुविधा जिला चिकित्सालय में उपलब्ध होगी। कहा जा रहा है कि एक सप्ताह के भीतर ही यह सुविधा जिले के लोगों को मिलने लगेगी। ऐसे रोगों से पीडित मरीजों के लिए यह खबर बडी राहत देने वाली है।

इस सेन्टर की स्थापना के लिए प्रदेश सरकार ने सम्पूर्ण प्रदेश से उन्नीस जिलो का चयन किया है जिनमें देवीपाटन मण्डल से बहराइच एंव गोण्डा को चिन्हित किया गया था। इस परिप्रेक्ष्य में जिले में स्थापित किया जा रहा सेन्टिनल लेबोरेटरी सेन्टर मण्डल स्तरीय होगा। इसकी स्थापना से जिले के साथ साथ मण्डल में भी प्रभावित मरीजो को भी इसका भरपूर लाभ मिलेगा। जिले में स्थापित किये जा रहे इस लेबोरेटरी के सम्बधं में बताते हुए अपर निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डा0 रतन कुमार ने बताया कि प्रदेश सरकार के दिशा निर्देषानुसार जिला चिकित्सालय में मण्डलीय सेन्टिनल लेबोरेटरी की स्थापना ब्लड बैंक के अन्दर कराया जा रहा है। यहां इसकी स्थापना से जिले के साथ साथ मण्डल के लोगों को भी इसका लाभ मिलेगा। लोगों को अब इन बीमारियों की जाचं के लिए कहीं बाहर नहीं जाना पडेगा। अक्सर ऐसा होता था कि इन खतरनाक बीमारियों से पीडित मरीजों को समय से जांच न हो पाने की वजह से समय पर उचित इलाज न मिलने से उनकी जान चली जाती थी किन्तु अब समय से इसकी जांच हो जाने पर ऐसे मरीजों की जान बचायी जा सकती है। यह सारी सुविधा एक ही छत के नीचे उपलब्ध होगी।

इस सेन्टर के संचालन के लिए माइका्रबायोलाजिस्ट डा0 अनिल कुमार वर्मा को तैनात किया गया है जो कि पहले से ही यहां कार्यरत हैं। इस सेन्टर के संचालन एंव इसकी उपयोगिता के सम्बधं मे ंजब डा0 अनिल वर्मा से बात की गयी तो उन्होनेंं बताया कि सेन्टर पर एलाइजा, वाशर, रीडर, एक्यूबेटर, वाटर बाथ, जैसे उपकरण उपलब्ध कराये गये है कुछ अन्य आवश्यक उपकरण जल्द ही उपलब्ध हो जायेगें। जिनके आते ही सेन्टर पर जाचां का कार्य आरम्भ कर दिया जायेगा। उनके अनुसार चिकित्सालय में स्थापित किये गये बच्चों के पीकू वार्ड में भर्ती होने वाले बीमार बच्चों को इसका लाभ प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध कराया जायेगा।

हर वर्ष बीते वर्ष की तुलना में लगातार बढ रहे संका्रमक रोगों का प्रसार स्वास्थ्य विभाग के लिए बडी चुनाती बनकर सामने आता है। सेन्टिनल लेबोरेटरी की स्थापना कर इसबार स्वास्थ्य विभाग पहले से ही एलर्ट मोड पर है ऐसा प्रतीत हो रहा है।

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अशफ़ाक़ शाह

(संवाददाता)

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