अधूरी और गलत जानकारी दे कर रहा भारत के मतदाताओं को कर रहा भ्रमित और परेशान कर रहा भारत निर्वाचन आयोग
जिला निर्वाचन अधिकारी ने भी जांचने की नहीं उठाई जहमत
जगविदित है कि भारत निर्वाचन आयोग की गलत नीतियों के चलते प्रत्येक निर्वाचन में मतदाताओं की एक भारी संख्या अपने मताधिकार से वचिंत रह जाती है जिस कारण न केवल नागरिकों के मूल अधिकार का हनन होता है वहीं चुनावों के परिणामों पर भी इसका विपरीत असर पडता है जो भारत के भविष्य को भी प्रभावित करता है, हैरानी की बात तो यह है कि इतने महत्वपूर्ण विषय पर भारत निर्वाचन आयोग अभी भी पूरी तरह अगम्भीर है और अपने लापरवाह रवैये से अभी भी लगातार मतदाताओं को भ्रमित और गुमराह करने का ही प्रयास कर रहा है जिसका प्रमाण गुरूवार को भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी नयी सुविधा में भी देखने को मिला।
गुरूवार को भारत निर्वाचन आयोग ने मतदाताओं को सुविधा देने के नाम पर एक पोर्टल की लांचिंग की, बताया गया कि इसके माध्यम से नये मतदाताओं के रजिस्ट्ेशन सहित सत्यापन, जानकारियों में संशोधन आदि भी कर सकता है। जिला निर्वाचन अधिकारियों द्वारा मीडिया को भेजी गयी जानकारी पर जब कार्य करने का प्रयास किय गया तो भारत निर्वाचन आयोग के लापरवाही की कलई खुल कर पूरी तरह सामने आ गयी, बताये गये पोर्टल पर दिये गये चार प्रमुख कार्या जैसे नये मतदाताओं का रजिस्ट्ेशन, मतदाताओं के जगह बदलने की जानकारी को अपडेट करना, व्यक्तिगत विवरण में बदलाव सहित अन्य कई कार्यो के होने की बात बतायी गयी है लेकिन इन सभी कार्या में पोर्टल मात्र नये मतदाताओं के रजिस्टे्शन का ही कार्य कर रहा था बाकी किसी भी लिंक पर क्लिक करने पर कोई भी कार्यवाही नही हो पा रही थी।
इतना ही नहीं जब एनवीएसपी पोर्टल पर दिये गये भारत निर्वाचन आयोग के तकनीकी सहायता नम्बर 1800111950 पर यह जानने के लिए सम्पर्क किया गया कि पोर्टल पर नये रजिस्ट्ेशन के अतिरिक्त मतदाताओं से सम्बधिंत अन्य कार्य क्यों नहीं सम्पादित हो पा रहे है तो कई बार प्रयास करने के बाद भी नम्बर पर बेल ही जाती रही किसी ने भी न तो काल रिसीव किया और न ही कोई जानकारी ही मिल पायी जो इस बात का प्रमाण है कि भारत निर्वाचन आयोग अपनी जिम्मेदारियों को लेकर कितना गम्भीर है। हालाकिं इसके लिए कुछ हद तक सम्बिंधंत जिलो के जिला निर्वाचन अधिकारी भी जिम्मेदार है जिन्हें जनता को कोई भी नयी जानकारी देने से पूर्व स्वयं इस बात की जांच कर लेनी चाहिए कि जो जानकारी वह जनता को देने जा रहे है वह कितनी सच्ची और सकिं्रय है।
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