गिरोह के सदस्यों में लेनेदेन मेे फंसा मामला तब हुआ गोरखध्ंाधे का खुलासा
अपने प्रभाव का प्रयोग कर पदाधिकारी ने अपने साथी पर कराया मुकदमा दर्ज
गोण्डा। यूं तो समाजसेवा और राजनीति में सेवा करने का दावा कर लोगों से ठगी करने का मामला यदाकदा सामने आता ही रहता है परन्तु यह गोरखधंधा इस मायने में खास है कि इसमें उस सगंठन के पदाधिकारी लिप्त हैं जिस संगठन के राष्ट्ीय अध्यक्ष प्रदेश के मुख्यमंत्री और गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ है। इस गोरखधंधें का खुलासा तब हुआ जब गिरोह के सदस्यों के बीच पैसे के लेनदेन को लेकर विवाद हुआ। इतना ही नही मामले मे अपने आपकों ंसंगठन का जिलाध्यक्ष बताने वाला पदाधिकारी अपने गिरोह के एक सदस्य को ही अपने प्रभाव का प्रयोग कर सलाखो ंके पीछे पहुचा कर अपना दामन पाक साफ दिखाने का प्रयास कर रहा है।
मामला योगी आदित्यनाथ के राष्ट्ीय अध्यक्ष्त्व में संचालित विश्व हिन्दू महांसंघ से जुडा हैं। अपने आप को संगठन का जिलाध्यक्ष बताने वाली महिला रेखा श्रीवास्तव के नेतृत्व में जरूरतमंदों कों बहलाफुसला कर उनकी नौकरी स्वास्थ्य विभाग में लगाने को रैकेट चलाया जा रहा है, मामला तब प्रकाश में आया जब रेखा श्रीवास्तव और उनके गिरोह के अन्य सदस्यों के बीच लोगों से लिए गये पैसों को लेकर की जाने वाली बन्दरबाटं मे ंमामला फंस गया। यहां भी रेखा श्रीवास्तव ने अपने प्रभाव का प्रयोग करते हुए अपने आप को पाक साफ दिखाने के लिए खुद को पीडित बताते हुए पुलिस के सहयोग से अपने गिरोह के एक सदस्य पर प्राथमिकी दर्ज कराते हुए उसे जेल की हवा खिलाने का प्रयास किया।
मामले में मिले सबूतो ंके मुताबिक पीडित ने ये स्पष्ट बताया है कि उसने लगभग एक लाख से भी अधिक की रकम अपने बेटों की नौकरी लगाने के लिए विश्व हिन्दू महासंघ की जिलाध्यक्ष रेखा श्रीवास्तव को दिया है जिनमें से एक बेटे के लिए 84000 तो दूसरे के लिए 40000 की रकम दी हैं जिसमें से एक बेटा लखनउ में नौकरी कर रहा है तो दूसरे बेटे की पैसे देने के बाद भी अभी तक नौकरी नही लगायी गयी हैं। आगे बात करते हुए पीडित ने यह भी कहा कि उससे नौकरी सविंदा पर लगाने की बात कही गयी थी परन्तु उसके जिस बेटे की नौकरी लगाने की बात कही जा रही है वह निविदा पर है जो कि उसे मंजूर नही।
ये तो रही एक पीडित की बात यदि मामले की जांच निष्पक्ष तरीके से की जाये तो ऐसे ही कई मामले उजागर होगें जिनमें अपने पद का दुरूप्योग व योगी आदित्यनाथ की छवि को मैला करते हुए समाससेवा के नाम पर लोगों को बरगलाकर उनके मेहनत की कमाई पूंजी को अपने बैंक बैलेन्स की शोभा बढाने का काम इन पदाधिकारियो ंके गिरोह द्वारा किया गया है। हैरानी तो इस बात की है कि क्या देश का कानून या फिर योगी आदित्यनाथ ने अपने इस संगठन के पदाधिकारियों को इस बात की अनुमति दे दी है कि वे अपने स्तर से विभागों में भर्ती करा सके और उनसे मनमानी राशि वसूल सकें।
प्रकरण की जानकारी विश्व हिन्दू महासंघ के संभाग प्रमुख दिग्विजय सिंह राणा को देते हुए जब उनसे इस पर की जाने वाली कार्यवाही पर बात की गयी तो उन्होनें मामले को संज्ञान मे ंलाने पर समाचार वार्ता को धन्यवाद देते हुए कहा कि प्रकरण की जाचं ंके लिए टीम का गठन कर जांच करायी जायेगी ओैर जैसी भी रिपोर्ट आती है उस पर तत्काल कार्यवाही की जायेगी यदि कोई भी पदाधिकारी ऐसे गैर कानूनी गतिविधियों मेें लिप्त पाया जाता है तो उसे तत्काल संगठन से निकालते हुए काूननी कार्यवाही भी की जायेगी।
वहीं गिरोह की सर्वेसर्वा विश्व हिन्दु महांसंघ की जिलाध्यक्ष रेखा श्रीवास्तव से जब इस विषय पर बात करने की कोशिश की गयी तो कई बार सम्पर्क करने के बाद भी नेटवर्क में खराबी के चलते उनसे पर्याप्त बात नही हो पायी इस पर उन्हें मामले से अवगत कराते हुए व्हाटसएप्प पर उनका पक्ष जानने का प्रयास किया किया लेकिन समाचार लिखने तक उनका पक्ष प्राप्त नही हो सका।