बयान से दिया वैक्सीन को लेकर अफवाह फैलाने वालों को हिम्मत
लखनउ। आज पत्रकारों से बातचीत में सपा मुखिया अखिलेश यादव ने अपनी अपरिपक्वता का पूरा पूरा परिचय आखिर दे ही दिया, उन्होनें वैक्सीन को भाजपा का बताते हुए लगवाने से इन्कार कर दिया। माना जा रहा है उनका यह बयान एक खास वर्ग को खुश करने के लिए दिया गया है जिन्होनें अफवाहों को फैलाते हुए वैक्सीन लगवाने से इन्कार किया है।
जहां एक तरफ पूरा विश्व पिछले एक वर्ष से कोरेाना महामारी से मुक्ति पाने के लिए आ रही वैक्सीन को लेकर पूरी तरह आशान्वित है ओैर जल्द से जल्द वैक्सीन लगवाने को लेकर आतुर है वही भारत और खासकर उत्तर प्रदेश के राजनेता इस पर भी राजनीति करने से बाज नही आ रहे। इतना ही नही वे इस भंयकर बीमारी के प्रति अपनी बचकाना सोंच को भी जगजाहिर कर रहे है।
कुछ इसी तरह का बयान समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने उस समय दिया जब वे एक कार्यक्रम में पत्रकारो से वार्ता कर रहे थे। अखिलेश ने वैक्सीन को भाजपा का बताते हुए इसे लगवाने से यह कहते हुए साफ इन्कार कर दिया कि यह वैक्सीन भाजपा की है जब उनकी सरकार 2022 में सत्ता में आयेगी तब वे वैक्सीन लगवायेगे। उन्होनें यह भी कहा कि उनकी सरकार आने पर सभी को फ्री वैक्सीन उपलब्ध करायी जायेगी। उन्होनें यह भी कहा कि यह भाजपा की वैक्सीन है मेैं इस पर विश्वास नही कर सकता, हम भाजपा वालों की वैक्सीन नही लगवायेगें।
अखिलेश के इस बयान के मायने यह भी लगाये जा रहे हेै कि उनका यह बयान उन लोगों को अपना परोक्ष समर्थन देने के लिए दिया गया है जो अफवाह फैलाने के साथ साथ वैक्सीन न लगवाने की अपील कर रहे हैं और यह अफवाह ओैर अपील एक खास वर्ग के धर्मगुरूओं द्वारा फैलाया जा रहा है जिसे समाजवादी पार्टी का भरोसेमंद वोटर माना जाता है।
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