फिरौती के लिए अपहरण के बाद कर दिया आग के हवाले
पालघर (महाराष्ट्)। महाराष्ट् का पालघर एक के बाद एक बडी घटनाओं के बाद आतंक का अडडा बनता जा रहा हैं। अभी कुछ ही दिनों पूर्वं तीन साधुओं की निर्मम हत्या का मामला शांत भी नही हुआ था कि वहां एक ऐसी घटना को अंजाम दे दिया गया जिसने पूरे देश को हिला दिया है। पालघर के जंगलों में शुक्रवार को एक नौसेना के सैनिक केा जिन्दा जला दिया गया, जिसमें उसकी मौत हो गयी।
मामला रांची निवासी सूरज दूबे का है जो कोयंबटूर के पास आईएनएस अग्रणी पर तैनात थे। मिल रही जानकारी के अनुसार सूरज को उस समय अगवा कर लिया गया था जब वह विगत 30 जनवरी को रात्रि लगभग दस बजे चेन्नई के एअरपोर्ट के बाहर थे। उसी समय कुछ लोगों ने उन्हें बन्दूक के बल पर अगवा कर लिया। बताया जाता है कि अपहरणकर्ताओ ंने उनके रिहाई के बदले 10 लाख रूप्ये की मांग की थी।
जानकारी के मुताबिक उन्हें अपहरण के बाद तीन दिनो ंतक चेन्नई में ही बंधक बना कर रखा गया था इसके बाद उन्हें पालघर के तालासारी क्षेत्र में लाकर शुक्रवार को जंगल में जिन्दा आग के हवाले कर दिया गया।
लगभग 90 प्रतिशत जल चुके जीवट के धनी सूरज स्वयं किसी तरह वहां से निकले और स्थानीय लोगों की मदद से पास ही स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचे जहां उनकी हालत को बेहद ही गम्भीर देख उन्हें मूम्बई ले जाने का प्रयास किया गया लेकिन उन्होनें रास्ते मंें ही दम तोड दिया।
घटना पर सूरज के पिता मिथलेश दूबे का कहना है कि उन्हें अपने बेटे के लिए न्याय चाहिए उन्होनेें कहा कि बेटे ने मरने से पहले बयान दिया है कि उसे फिरोती के लिए तीन दिन तक बंधक बनाया गया और बाद में पालघर ले जाकर जंगलों में जिंदा जला दिया गया। वही मुम्बई पुलिस का कहना है कि अपहराण कर्ताओं की तलाश जारी हंै। जबकि नौसेना के अधिकारियों का कहना है सूरज का जब अपहरण किया गया तब वह छुटटी पर थे। जब वह पुलिस को मिले तब लगभग 90 प्रतिशत जली अवस्था में थे।
फिलहाल एक के बाद एक दिल दहलाने वाली घटनाओ ंने जहंा पूरे पालघर पर सवालिया निशान लगा दिया है वही महाराष्ट की कानून व्यव्स्था को कटघरे में खडा किया हैं जहां न तो देश के बहुसंख्यक समुदाय के धार्मिक नेता सुरक्षित है और न ही देश के रक्षक सेना के सेनानी।
You must be logged in to post a comment.