उत्तर प्रदेश गोंडा लाइफस्टाइल

निष्क्रिय फायर अलार्म सिस्टम और गन्दगी बनी मण्डलायुक्त कार्यालय की पहचान, देखिये क्या बोल रहे नाज़िर शशि श्रीवास्तव

सेनेटाइजर डिस्पेंसर निभा रहा शो पीस की भूमिका

गोण्डा। जिला ही नही पूरे देवीपाटन मण्डल के सुचारू संचालन की जिम्मेदारी ओढे मण्डलायुक्त कार्यालय खुद कितना बीमार है इसकी बानगी देखनी हो तो एक बार मण्डलायुक्त कार्यालय का अवलोकन कीजिए, यहां कर्मचारियों सहित स्वयं मण्डलायुक्त की सुरक्षा के लिए लगाये गये सिस्टम, सेनेटाइजर डिस्पेंसर, शौचालय की बीमारी आपकों बडे ही आराम से दिखाई दे जायेगी। हैरानी तो यह है कि इन व्यवस्थाओ ंको सुचारू रखने की जिम्मेदारी ओढे नाजिर का जवाब बडा ही अजीबोगरीब आता है।

मण्डलायुक्त कार्यालय में आग लगने की दशा में लोगों को बचाव के लिए फायर अलार्म सिस्टम लगाया गया है जिसका काम है आग लगने की दशा मे ंआवाज देकर लोगों को सूचित करना ओैर उन्हें बचाव का पूरा समय देना, लेकिन यह फायर अलार्म सिस्टम पूरी तरह से निष्क्रिय दिखाई दिया। हैरानी की बात तो यह है कि यह सिस्टम कोई आज से खराब नही हुआ यह पिछले कई वर्षो से इसी हालत में है। गनीमत तो यह रही िकइस बीच कोई इस तरह का हादसा नही हुआ नही तो अलार्म के निष्क्रिय होने की स्थिति में बडी जनहानि हो सकती थी।

इसी तरह कार्यालय मे ंआने वाले लोगों को और कार्यालय के कर्मचारियों को कोरोना महामारी से बचाने के लिए मण्डलायुक्त कार्यालय के मुख्य द्वार के पास ही सेनेटाइजर डिस्पेंसर लगाया गया है जिसे शायद किसी संस्था ने दान देकर स्थापित कराया है। आटो सिस्टम वाला ये डिस्पेंसर भी पूरी तरह से निष्क्रिय दिखाई दिया। इस डिस्पेंसर के साथ एक विशेष बात यह दिखाई दी कि इसमे लगी एलईडी लाइट जलती हुयी दिखाई दी जिससे प्रथम दृष्टतयां देखने वाला यही समझेगा की यह काम कर रहा है। अर्थात इस मामले मे जिम्मेदारो द्वारा मण्डलायुक्त सहित अन्य आने जाने वाले अधिकारियों को भ्रमित किया जा रहा है।

इसी तरह बात की जाये मण्डलायुक्त कार्यालय में व्याप्त गन्दगी की तो शौचालय पूरी तरह से अस्तव्यस्त दिखाई दिया। शौचालय में लगे यूरेनल की पाइप गायब है, उनमें पानी की व्यवस्था ही नही है, शौचालय मे ंलगे वाशवेशिन पूरी तरह से टूटी हुयी है, वाशवेसिन की टोटी गायव हैं शौचालय पूरी तरह गन्दगी से भरा पडा है जैसे शौचालय का पूरा हाल यह बयां कर रहा है कि उसे को वहां के कर्मचारी या आने वाले फारियादियों के लिउ नही बल्कि जानवरो ंके प्रयोग करने के लिए बनवाया गया हो जिसे न तो पानी की जरूरत पडती है ओैर न सफाई करने की।

अगर गहराई से देखा जाये तो इस तरह की अन्य कई सुविधाये जो कि मूल भूत होती है उन सभी का मण्डलायुक्त कार्यालय मे अभाव दिखाई देता है। खास बात तो यह है कि जब इन सभी सुविधाओं को सुचारू रखने की जिम्मेदारी संभाले मण्डलायुक्त कार्यालय के नाजिर से वार्ता की गयी तो उन्होनंें अपने जवाब से भी यह बता दिया कि ये सभी सुविधाये उनके लिए कोई खास मायने नही रखती।

नाजिर मण्डलायुूक्त कार्यालय शशि श्रीवास्तव ने लापरवाही भरा जवाब देेते हुए कहा कि फायर अलार्म को दिन में बन्द कर दिया जाता है जब गार्ड होते है तो चालू रखा जाता है। इस पर जब उनसे यह पूछा गया कि यदि अलार्म बन्द होने के समय यदि किसी तरह की दुूर्घटना घट जाती है तो फिर क्या होगा, जिसका जवाब वह नही दे सके।

इसी तरह जब उनसे सेनेटाइजर डिस्पेंसर के बारे में पूछा गया तो उन्होनें साफ झुठ बोलते हुए कहा कि डिस्पेंसर काम कर रहा है तथ शौचालय की बदहाली पर बताते हुए कहा कि बाहरी लोग आ जाते है इसलिए गन्दगी हो जाती है वही जब शौचालय की टूटफूट पर बात की गयी तो उन्होनें कहा इसे ठीक करा दिया जायेगा।

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राजेंद्र सिंह

राजेंद्र सिंह (सम्पादक)

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