लखनऊ। श्री कृष्ण दत्त एकेडमी वृंदावन सरोजिनी नगर लखनऊ में पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण की शिक्षा देती कैनवस पेंटिंग और पर्यावरण फोटोग्राफी की बारीकियों को सभी प्रशिक्षुओं को बताया गया।
प्रशिक्षक राज किरण द्विवेदी ने सभी को बताया कि एक अच्छा प्राकृतिक फोटोग्राफर बनने के लिए प्रकृति की नैसर्गिक बारीकियां उभरना बहुत आवश्यक है।त्रिकोणीय इफेक्ट को समझते हुए कैमरा या मोबाइल फोटोग्राफी में सभी को पर्यावरण से जुड़े हुए विभिन्न मुद्दों समुद्री प्रदूषण, अधिक जनसंख्या, ग्लोबल वार्मिंग, टिकाऊ विकास और वन्यजीव अपराध, पेड़ों के काम होना और जानवरों का परेशान होना जैसे पर्यावरणीय मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाने का अपनी फोटोग्राफी के माध्यम से प्राकृतिक सार को समझने का प्रयास करना चाहिए और उसके लिए जरूरी है की फोकस उन बिंदुओं पर रखा जाए या कहीं उन बिंदुओं को हाईलाइट किया जाए जहां हमें पर्यावरण में खतरों का एहसास होता है।
ज्यादा से ज्यादा वृक्षारोपण के लाभ तथा जहां पर वृक्ष नहीं है उसकी हानियां भी हमें अपने चित्रों के माध्यम से लोगों को दिखा कर उन्हें जागरूक करना चाहिए। तस्वीर ऐसी होनी चाहिए जैसे देखने वाला व्यक्ति प्रकृति से जुड़ाव महसूस कर सके ।
शिक्षक एवं समाजसेवी रीना त्रिपाठी ने बताया आज की वर्कशॉप में सभी ने सिखा की प्रकृति खतरे में है यह एहसास उसे चित्रों के माध्यम से कर देना ही प्राकृतिक फोटोग्राफी का अच्छा उदाहरण है। क्ले मॉडलिंग के माध्यम से भी हम बच्चों व बड़ों में मिट्टी के प्रति जुड़ाव और मिट्टी से सुंदर कृतियां बनाकर उसके महत्व को अपने समाज को बता सकते हैं। आज बेरोजगारी की समस्या का निदान प्रकृति में हमें अपने माध्यम से ही प्रदान किया है ।एक अच्छा फोटोग्राफर हो या एक अच्छा प्ले मॉडल दोनों ही अपनी कृतियों के माध्यम से लोगों को जोड़ कर अर्थव्यवस्था में अपना योगदान कर सकता है।
6 जून को श्री कृष्ण दत्त अकादमी में चलने वाली छह दिवसीय कार्यशाला का समापन प्रशिक्षुओ द्वारा बनाए गए कृतियों के प्रदर्शन के माध्यम से होगा जिसमें सभी आमजन को आमंत्रित किया गयाहै।
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