पुलिस के संवेदनहीनता की पराकाष्ठा आयी सामने
कटिहार (बिहार)। क्या कोई पुलिस इतनी भी निर्दयी या संवेदनहीन हो सकती है कि एक बेबश पिता को इतना मजबूर कर दे कि उसे अपने ही बेटे के शव को झोले में भरकर पोस्टमार्टम के लिए थाने ले जाना पडे, सोचने वाली बात है। परन्तु यहां की पुलिस ने यही कारनाम करके दिखाया है।
मामला लगभग चार दिन पुराना है मिल रही जानकारी के अनुसार बिहार के भागलपुर जिले के थाना गोपालपुर के तीनगंगा गाव निवासी लेरू यादव का 10 वर्षीय बेटा पास ही बह रही गंगा नदी में विगत 26 फरवरी को डुब गया था। परिजनो ंने इसकी सूचना थाने में भी दी थी लेकिन पुलिस ने बच्चे को खोजने का कोई भी प्रयास नही किया। बताया जाता है उसी बच्चे को शव डूबने के छह दिन बाद थाना कुरसेला के खेरिया घाट के पास मिला। बच्चे का शव बुरी तरह से छत विछत हो गया था, कुछ तो पानी में छह दिन तक डूबे रहने के कारण गल गया था तो कुछ आवारा पशुओ का ग्रास बन चुका था।
बच्चे का शव मिलने की सूचना पर वहां भागे भागे परिजन पहूचें तो वहां मात्र अस्थियां ही दिखाई दी जिसे सिर के पीछे के एक निशान और कुछ कपडो के टुकडो के आधार पर पिता ने पहचाना। इस बीच जानकारी पर थाना गोपालपुर सहित थाना कुरसेला की टीम भी वहा पहुची और अपनी संवेदनहीनता की पराकाष्ठा पार करते हुए बच्चे केे शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजने की व्यवस्था न कर लाचार पिता को ही शव थाने लाने का फरमान सुनाकर वहां से फरार हो गयी।
बताया जाता है कि बच्चे की मौत से बुरी तरह टूटे लेरू यादव ने किसी तरह क्षतविक्षत शव को समेटा और अपने पास रखे एक झोले में भर कर किसी तरह तीन किलोमीटर पैदल रास्ता नाप कर थाने पहुचां तब पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।