जौनपुर। यु ंतो महिलाओं को सम्मान, सुरक्षा देने के भाषणों के लिए ही महिला दिवस को जाना जाता है लेकिन यहां की एक अदालत ने इसको चरितार्थ करते हुए आज के दिन एक ग्यारह माह की बच्ची के दुष्कर्मी को मौत की सजा सुनाते हुए वास्ततिक अर्थौ में महिला को सम्मान देने का काम किया है। खास बात तो यह है कि यह फैसला मात्र सात माह की सुनवाई में ही दे दिया गया है।
घटना विगत वर्ष 6 अगस्त की है जब कोतवाली मडियाहूं के एक गावं मे रहने वाला बालगोविन्द टाफी दिलाने के बहाने पाचं वर्ष तथा ग्यारह वर्ष की दो बहनों को बरगला कर ले गया था, छोटी बहन को तो उसने टाफी देकर वापस भेज दिया जबकि 11 वर्ष की बडी बहन को खेत मंे लेजाकर उसके साथ अपना मूहं काला किया था। इतना ही नही मासूम के साथ बलात्कार के बाद उसकी हत्या कर शव को खेत में ही छिपा दिया था।
सात माह चले इस मुकदमें में 11 गवाहो ंके बयान दर्ज किये गये थे। अन्र्तराष्ट्ीय महिला दिवस पर जिले के अपर सत्र न्यायाधीश पाक्सो एक्अ रवि यादव ने बालगोविन्द को मौत की सजा सुनाते हुए कहा कि यह घटना विरलतम की श्रेणी में रखा जाता है, दुष्कर्मी को तब तक फासी पर लटकाया जाये जबतक उसकी मृत्यू न हो जाये। न्यायाधीश रवि यादव ने दुष्कर्मी पर अर्थदण्ड के रूप में दस हजार रूप्ये भी जमा करने के निर्देष दिये है।