थाने से लेकर उच्चधिकारियों के चौखट नाप चुकी है क्षेत्र के दबगों से त्रस्त पीडित महिला
मोतीगंज (गोण्डा)। गावं के दबंगों के आतंक से त्रस्त महिला द्वारा पुलिस से गुहार लगाने के बाद भी कोई कार्यवाही न किये जाने से मनबढ दबंग उसे आये दिन गाली गलौज और शिकायत को वापस लिये जाने का दवाब बना रहे है तथा धमकी दे रहे है कि यदि उसने शिकायत वापस नही ली तो उसे किसी भी दिन मारकर उसी के घर में गाड दिया जायेगा। थाने की भ्रष्ट कार्यशैली से आहत पीडिता ने उच्चाधिकारियों से भी अपनी सुरक्षा की गुहार लगायी लेकिन उसे कही भी न्याय नही मिल रहा। अब पीडिता ने यह कहकर सनसनी मचा दी है कि यदि उसे न्याय नही मिला तो वह आत्महत्या कर लेगी।
मामला जनपद के मोतीगंज थाना अन्र्तगत ग्राम बेलावा का है जहां की निवासिनी आसमा पत्नी नौशाद ने उच्चाधिकारियों को भेजे अपने शिकायती पत्र मे कहा है कि कुछ दिनो पूर्व गांव के ही दबंग हैदर अली, महबूब अली, इंसाद अली पुत्रगण असगर अली अकारण उसके घर मे ंघुस आये ओैर उससे अभद्रता करने लगे। जिसकी शिकायत उसने थाना मोतीगंज मे की जिस पर पुलिस ने आरापियेां को थाने तो बुलाया लेकिन उनसे अवैध धनउगाही कर बिना कोई कार्यवाही किये छोड दिया।
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पुलिस की मिलीभगत से मनबढ आरोपी उसके घर पर आये और उसे भददी भददी गालियां देते हुए कहा कि रण्डी साली मादरचोद तेरी इतनी औकात हो गयी है कि तू हमारे खिलाफ पुलिस में शिकायत करे। पीडिता ने यह भी बताया है कि जब गाली गलौज का विरोध किया तो वे भडक गये ओर उससे अभद्रता करने लगे, उसके कपडे फााड दिये तथा बलात्कार करने को अमादा हो गये। उसने जब शोर मचाया तो वह धमकी देते हुए भाग गये कि शिकयत वापस ले लो नही तो किसी भी दिन तुम्हे मार कर तूम्हारे ही घर मे दफन कर दिया जायेगा।
थाने से लेकर सीओ, अपर पुलिस अधीक्षक और पुलिस अधीक्षक तक अपनी शिकायत को रख चुकी आसमा को कही से भी न्याय नही मिल रहा है ओैर उसे न्याय न मिलता देख आरोपी और भी मनबढ होते जा रहे है जिसका खामियाजा आशमा को आये दिन भुगतना पड रहा है। प्रशासन के इस रवैये से आजिज आ चुकी आसमा ने बताया कि यदि उसे प्रशासन से न्याय और सुरक्षा जल्द नही मिलती तो उसे आत्महत्या करने को विवश होना पडेगा।
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अब सवाल यहां यह उठता है कि जिले की जनता को सुरक्षा देने की जिम्मेदारी उठााये पुलिस प्रशासन क्या इस बात की प्रतीक्षा कर रहा है कि कब आशमा आत्महत्या करे ओैर फिर वह कार्यवाही करने केा विचार करें। या शायद आशमा के आत्महत्या के बाद मामले केा ठढे बस्ते ंमें डालने की प्रतिक्षा कर रहा है। वही मामले पर जब थानाध्यक्ष मोतीगंज से बात करने की कोशिश की गयी तो उनका सीयूजी नम्बर हमेशा की तरह नाट रिचेबल बताता रहा।