बचे 2 हजार इन्जेक्शन को फैंक दिया नहर में
पानीपत (हरियाणा)। कोरोना महामारी की लहर में प्रधानमंत्री मोदी ने आपदा में अवसर तलाशने का एक मंत्र जनता को दिया था जिसे आम जनता ने तो शायद नही अपनाया लेकिन अपराधियों ने जरूर इसे पूरी तरह समझा ओैर अपने व्यवसाय मे ंइसका प्रयोग भी किया। इसका प्रमाण अस्पतालों में बेड की उपलब्धता, आक्सीजन की उपलब्धता, एम्बूलेंस की उपलब्धता में बाकायदा दिखाई भी दिया। इसी तरह सामने आये मामले मे इन्ही समाज के कोढ कहे जाने वाले मानसिकता के कुछ लोगो ंने सामान्य एन्टीबायोटिक के इन्जेक्शन पर रेमेडेसिविर का रैपर चिपका कर करोडो रूप्ये कमा लिय। खास बात तो यह हेै कि कोरोना लहर कम होने के बाद जैसे ही रेमेडेसिविर की मांग कम हुयी इन्होनें बचे हुए लगभग दो हजार इन्जेक्शन नहर मे ंफेकं दिये। हालाकि मामले का खुलासा होने पर पुलिस ने इन्हेे गिरफतार कर लिया है।
मामला प्रदेश के पानीपत का है जहंा गिरफतार किये गये मोहम्मद शहवार निवासी मुजफफर नगर, सहारनपुर निवासी मोहम्मद अशरफ तथा मोहम्मद अखलाख तथा मोहाली निवासी शाह आलम से हुयी पूछताछ के बाद पुलिस अधीक्षक पानीपत शंशंाक कुमार सावन ने जानकारी देत हुए बताया कि गिरफतार किया गया मोहम्मद शहवार जो कि फार्मा का ही व्यवसायी है इसने रेमेडेसिविर के लिए उसकी निर्माता कम्पनी हैट्ोजेट से रेमेडेसिविर के 30 हजार वायल मंगाने के लिए उन्हे आर्डर दिया था जो कि निरस्त हो गये। इसके बाद ही उसे इस फर्जीवाडे का ख्याल आया। उसने एक कम्पनी से सामान्य बुखार के 12 हजार इन्जेक्शन मंगवाये और उन पर रेमेडेसिविर के रैपर लगा दिये।
उन्होनें बताया चूकि उसने इस रैपर को छपवाने का आर्डर अपनी कम्पनी के पंजीकृत ईमेल आईडी से दिये थे इसलिए रैपर छापने वाले का मामले में किसी भी तरह से कोई सलिप्तता नही दिखाई देती। इसके बाद उसने इनमें से 100000 इन्जेक्शन को पांच पाचं हजार रूप्ये मेब ेच डाले। उसके पहले से ही इस कारोबार मे होने से इसे इन फर्जी इन्जेक्शन को बेचने मे कोई दिक्कत भी नही आयी।
उनहोनें बताया कि इन लोगों ने अपने 12000 इन्जेक्शन मे से 10 हजार बेचे जिसमे से चार हजार तो इन लोगो ंने अकेले पानीपत में ही बेच डाले थे। उनहोनें यह भी बताया कि आरोपियो ंके पास से 48 लाख रूप्ये भी बरामद किये गये है।