जिलाधिकारी ने किया आरोपो से इन्कार
गोंडा ! जिलाधिकारी द्वारा कोरोना की समीक्षा बैठक में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी को अभद्र भाषा का प्रयोग किए जाने से आहत होकर उन्होंने अपना इस्तीफा मुख्य चिकित्सा अधिकारी को दिया है ।
बताते चलें कि कोरोना को लेकर प्रतिदिन जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित स्वास्थ्य समिति की बैठक होती है । आरोप है कि मंगलवार की शाम हुई समीक्षा बैठक में डीएम ने अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी अजय प्रताप सिंह को अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए फटकार लगाई थी । इसके बाद बुधवार की शाम को उन्होंने सीएमओ को अपना इस्तीफा सौंप दिया है ।
सीएमओ को दिए गए पत्र में उन्होंने कहा है की बेलसर सामुदायिक स्वास्थ्य द्वारा सेंपलिंग कम होने पर कहा गया कि क्यों ना इन्हें बेलसर का प्रभारी बना दिया जाए । जबकि मैं लेवल 4 का अधिकारी हूं । लगातार मेरे मनोबल को गिराने का काम किया जा रहा है । यही नहीं इससे पूर्व की समीक्षा बैठक में डीएम द्वारा मुझे जमूरा, निकम्मा जैसे अभद्र शब्दों का प्रयोग कई बार किया जा चुका है ।
पत्र में आगे कहा गया है की निगरानी समितियों के पास मेडिकल किट की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा की इस बात का प्रमाण पत्र दिया जाए । किस शासन द्वारा उपलब्ध समस्त दवाएं निगरानी समितियों को सौंप दी गई हैं । जब उनके द्वारा यह बताया गया की कि विभाग द्वारा चार चरणों में मेडिकल किट समस्त खंड विकास अधिकारियों को सौंप दी गई हैं । जब मेरे द्वारा बताया गया कि अभी पर्याप्त मात्रा में निगरानी समितियों के पास दवा है । शेष दवा देने से पहले अब तक दी गई दवाओं के उपयोगिता की जानकारी होनी चाहिए । निगरानी समितियों द्वारा उपयोग की गई दवाओं का प्रमाण पत्र देने के साथ-साथ दिए गए मेडिकल किट का ब्यौरा मांगा जाना चाहिए ।
इस पर उन्होंने मुझे डांट कर चुप रहने के साथ-साथ कहा कि तुम दवाओं का ब्यौरा मांगने वाले कौन होते हो । जब उन्हें यह बताया गया की जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराए गए अनुदेशकों को बेरी फायर का प्रशिक्षण दिए जाने के बाद भी वह अपनी सेवा नहीं दे रहे हैं । जिस पर जवाब था कि यह काम स्वास्थ्य विभाग का है जैसे चाहे वैसे कराएं । इस्तीफा देने के बाबत जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा की इन परिस्थितियों में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी के रूप में मानसिक आहत होने के कारण अपनी सेवा देने में असमर्थ हूं जिससे मैंने पद से त्यागपत्र दे दिया है ।
इस संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी सीताराम केसरी से जब दूरभाष पर वार्ता की गई । तो वह इस बात की पुष्टि करने से कतराते रहे, और कहां कि मैं बहुत व्यस्त हूं । कुछ देर बात फोन कर लेना । जब दोबारा फोन किया गया तो बेल बजती रही लेकिन फोन नहीं उठा जिससे उनके पक्ष की जानकारी नहीं हो सकी ।
जिलाआधिकारी मारकण्डेय शाही ने बताया कि जनपद में पटरी से उतर चुकी स्वास्थ्य सेवाओ को पटरी पर लाने की जद्दोजहद तथा विगत वर्षो में करोडो रुपये की हुई अनियमितताओ के लिए दोषी कमियों के विरुद्घ कराई जा रही कार्यवाही से ध्यान भटकाने के उद्देश्य से विभाग के कुछ यथास्थिति वादी लोगों द्वारा जिला प्रशासन पर दबाब बनाने का प्रयास किया जा रहा है।इस संभध में उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है।
डीएम बोले इस्तीफे की जानकारी नहीं,लगाये गये आरोप निराधार है
जिलाधिकारी मार्कण्डेय शाही ने कहा कि एसीएमओ डॉ. एपी सिंह समेत सोलह चिकित्सा अधीक्षको के इस्तीफे की जानकारी अभी उन्हें नहीं है। बैठक में शासकीय कार्यों को लेकर निर्देश दिए गए, कोई असंसदीय भाषा का इस्तेमाल नहीं किया गया। एसीएमओ की ओर से जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं वे निराधार हैं।