वाराणसी : वाराणसी के सर सुंदरलाल अस्पताल में हर दिन दूर-दूर से हजारों मरीज अपने नय केस के साथ आते है | कभी कभी डॉक्टरों के लिए पेचीदा केस को सुलझाना किसी चुनौती से कम नहीं होता है | ऐसा ही एक मामला वाराणसी के लोहता के भट्ठी गांव निवासी दिलीप (45) का केस डॉक्टरों के लिए चुनौती बना हुआ है | दीपक नाम के मरीज(45) नट-बोल्ट, खोले जाने वाले रिंच को खा लिय। जब पेट में दर्द शुरू हुआ तो परिवारीजन उसे अस्पताल ले आए। यहां सबसे पहले गैस्ट्रोलॉजी डिपार्टमेंट में जांच कराया, जहां जांच के बाद पता चला कि आंत में रिंच फंसी है।
इसके बाद उसे सर्जरी विभाग रेफर किया गया। जहां डॉ. एसके तिवारी के निर्देशन में उसका इलाज चल रहा है। चिकित्सा अधीक्षक प्रो. विजय नाथ मिश्र के मुताबिक संबंधित मरीज मानसिक रोगी है। कोशिश की जा रही है कि दवा से रिंच बाहर आ जाए नहीं तो ऑपरेशन किया जाएगा।
कुछ दिन तक यहां इलाज करने के बाद उसे सर्जरी विभाग भेज दिया गया। चिकित्सा अधीक्षक ने बताया कि डॉ.एसके तिवारी मरीज का इलाज कर रहे हैं। बताया कि दाहिने तरफ की आंत में रिंच फंसी हुई है। संभावना है कि दवा से एक सप्ताह के भीतर रिंच बाहर आ जाएगी, अगर नहीं निकली तो ऑपरेशन करना पड़ेगा। बताया कि जिस आंत में फंसी है, उसके नीचे हृदय वाली नस है, जिसमें लापरवाही बरतने पर मौत का भी खतरा रहता है।