अपराध उत्तर प्रदेश लाइफस्टाइल

शहीद सेना के जवान की श्रद्धांजलि मे भेदभाव, परशुराम सेना के साथ जनता में आक्रोश

दिलीपपुर (प्रतापगढ़) ! ऐ देश मेरे तू जीता रहे तूने शेर के बच्चे पाले है एक लाल हुआ कुर्बान तो क्या सौ लाल तेरे रखवाले है । जनपद प्रतापगढ़ के कंधई थाना क्षेत्र के सराय नानकार मे जन्मे एक साधारण किसान विजय नारायण तिवारी के चार पुत्रों में सबसे छोटे बेटे चंद्रलोक तिवारी जिन्होंने देश सेवा के जज्बे के साथ भारतीय सेना में जाने का निर्णय लिया ।

बचपन से ही मेधावी और मिलनसार स्वभाव के चंद्रलोक 20 वर्ष की उम्र में ही भारतीय सेना में नौकरी प्राप्त कर लिए । इन दिनों चंद्रलोक राजस्थान के जोधपुर में तैनात थे । ड्यूटी के दौरान ही इनकी तबियत खराब हो गई इनको मिलिट्री हॉस्पिटल में भर्ती किया गया हालत में सुधार न होने पर इनका इलाज दिल्ली में चल रहा था ।

दिनांक 30 जुलाई को इन्होंने अंतिम सांस ली और शहीद हो गए। इनके शहादत की खबर घर पर पहुंची तो परिजन अवाक रह गए इनकी पत्नी छोटे बच्चे मां पिता भाई अपने लाल के खोने का दुख सहन नहीं कर सके और बदहवास हो गए। जैसे ही यह खबर गांव में पहुंची लोग शहीद जवान के घर पर जमा होने लगे लगभग 48 घण्टे के बाद शहीद जवान का पार्थिव शरीर कल देर रात उनके घर पहुंचा तो अंतिम दर्शन को लोगो की भारी भीड़ होने लगी हर कोई शहीद जवान के अंतिम यात्रा में शामिल होना चाहता था ।

बारिश के कारण परिजन शहीद जवान के पार्थिव शरीर को पन्नी के सहारे बारिश से बचाने का प्रयास करते रहे ।सुबह 10 बजे राष्ट्रीय परशुराम सेना जिलाध्यक्ष अनिल पांडेय एडवोकेट शहीद जवान को श्रद्धांजलि देने भीगते हुए पहुंचे । उन्होंने श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद परिजनों को ढांढस बंधाया । शहीद जवान के भाई वरुण तिवारी ने बताया कि देर रात में मेरे भाई का पार्थिव शरीर घर पर आ गया था । अभी तक मेरे घर पर प्रशासन पुलिस जनप्रतिनिधि कोई भी नहीं पहुंचे जिससे परिवार वाले अत्यन्त ही दुखी हैं बारिश के बीच अपने निजी व्यवस्था से बस की छत पर रखकर अपने भाई के अंतिम संस्कार को प्रयागराज जाने को मजबूर है शासन प्रशासन से किसी तरह की सहायता नहीं मिली है ।

जिलाध्यक्ष अनिल पांडेय एडवोकेट ने जिलाधिकारी व पुलिस कप्तान को फोन के माध्यम से जानकारी देते हुए परिजनों की समस्या को देखते हुए सरकारी एम्बुलेंस उपलब्ध कराने का निवेदन किया उन्होंने तत्काल मदद का आश्वासन दिया लगभग 1 बजे तक इंतजार करने के बाद रानीगंज उपजिलाधिकारी के पहुंचने के बाद भी कुछ व्यवस्था नहीं हो सकी तो परिजन मजबूर होकर अंतिम यात्रा के लिए निजी साधन से प्रयागराज के लिए रवाना हुए ।

जिलाध्यक्ष अनिल पांडेय एडवोकेट ने उपजिलाधिकारी रानीगंज को शहीद परिवार की मांगो से संबंधित ज्ञापन सौंपा ।अंतिम यात्रा से कुछ समय पहले प्रयागराज से आए सेना की बटालियन के अधिकारियों ने शहीद जवान को सलामी दी लोगो ने भारत माता की जय चंद्रलोक तिवारी अमर रहें वन्दे मातरम के नारों के साथ अमर शहीद जवान को नम आंखों से अंतिम विदाई दी । हर कोई यह चर्चा करते नजर आए कि जवानों की शहादत पर भेदभाव क्यों ही रहा है ।

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राजेंद्र सिंह

राजेंद्र सिंह (सम्पादक)

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