पाकिस्तान। पाकिस्तान ही नही बल्कि वहां की अदालतें भी भारत की प्रतिष्ठा और भारतीयों की भावनाओ ंको लेकर कितनी असहिष्णू हेैं इसका अंदाजा इस घटना से बडे आराम से लगाया जा सकता है।
मात्र तीन दिन पूर्व भारत के हिन्दुआंे सहित सिखों के लिए आदरणीय महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा के साथ अभद्रता करते हुए उसे तोडने के आरोपी को आज वहां की अदालत ने जमानत दे दी। अदालत के इस फैसले ने इस बात पर मुहर लगा दी कि पकिस्तान सरकार और वहां की जनता के साथ साथ वहां की अदालतों को भी भारतीयों के भावनाओं से कोई लेना देना तो दूर उनका भी यही प्रयास होगा कि किस तरह भारतीय खासकर हिन्दू और सिखो ंकी भावनाओं को कितना आहत किया जा सकता है।
ज्ञात हो कि अभी तीन दिन पूर्व ही लाहौर के लाहौर फोर्ट काम्पलैक्स परिसर मे लगी महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा के साथ अभद्रता करते हुए वहां के कटटरपंथी संगठन तहरीक ए लब्बैक के एक आतंकवादी ने तोड दिया था। खास बात तो यह है कि महाराजा का यह अपमान पाकिस्तान मे कोई पहली बार नही किया गया था, इससे पहले भी दो बार इसी संगठन के आतंकवादियों ने उनकी प्रतिमा को घ्वस्त कर दिया था।
सबसे बडी बात तो यह है कि महाराजा की प्रतिमा को तोडे जाने का भारत ने अपनी तरह से विरोध भी जताया था लेकिन भारत के विरोध को दरकिनार करते हुए वहंा की अदालत ने आरोपी केा जमानत देकर इस बात पर मुहर लगा दी कि उसे न तो भारत की ंिचन्ता है ओैर न ही भारतीयों की।