मंत्री के निजी सचिव के साथ जेल प्रहरी के पद पर है तैनात
पूर्व एसडीएम भी आरोपों के घेरे में, बनाया था फर्जी जाति प्रमाणपत्र
ग्वालियर (मध्यप्रदेश)। यू ंतो देश के निचले पायदान पर रहने वाले ंलोगों को समाज मे ंएक सम्माजनक स्थान दिलाने के लिए जारी किये गये आरक्षण व्यवस्था का किस तरह दूरूप्योग किया जा रहा है यह बात किसी से भी छुपी नही है। लंेकिन अपनी वास्वतिक जाति को छुपाकर अधिकारियों की मिली भगत से कोई व्यक्ति सामान्य से अनसूचित जाति का हो जाये और इसका लाभ भी वर्षो से उठा रहा हो इस तरह का गडबडघोटाला शायद आपने कभी नही सुना होगा। इतना ही नही यह व्यक्ति सरकारी सेवा मे होते हुए भी प्रदेश के एक कददावर मंत्री का पीए बना बैठा है। माना जा रहा है इस तरह से जाति परिवर्तन का यह गढबढघोटाला मंत्री और तत्कालीन एसडीएम की संरक्षण मे ंही किया गया है।
मामला ग्वालियर जेल मे तैनात प्रहरी गेदालाल माझाी से जुडा हुआ है। खास बात तो यह है कि मांझी जेल प्रहरी पर पर तैनात होने के साथ प्रदेश के कददावर मत्री प्रघुम्न सिंह तोमर का निजी सचिव भी बना बैठा है। मिल रही जानकारी के अनुसार गेदालाल माझी वास्तव मे सामान्य जाति बाथम का है। मंत्री का वरदहस्त प्राप्त गेदालाल ने तत्कालीन एसडीएम चन्द्रभूषण प्रसाद के सहयोग से अनुसूचित वर्ग के माझी जाति का प्रमाण पत्र हासिल कर लिया और उसके ही आधार पर सरकारी नौकरी भी हथिया ली।
मंत्री के निजी सचिव और जेल प्रहरी के पद पर तैनात गंेदालाल बाथम या कहे मंाझी के परिजनों को मध्यप्रदेश सरकार द्वारा जारी किये गये समग्र परिवार कार्ड पर नजर डाली जाये तो मामला पूरी तरह से साफ हो जाता है कि किस तरह से गेदालाल बाथम से मांझी बन गया। समग्र कार्ड जिसे वर्ष 2021 के जूलाई माह की 18 तारीख को प्रिन्ट किया गया है में साफ साफ दिखाई दे रहा है कि गेदालाल के पिता के नाम के आगे बाथम लगा हुआ है साथ ही उनकी माता के नाम के साथ ही बाथम लगा कर रामकटोरी बाथम लिखा गया है। इतना ही नही गेदालाल के हाईस्कूल के प्रमाण पत्र पर भी नजर डाली जाये तो वहा भी गेदालाल माझाी नही बल्कि बाथम ही लिखा गया है। और तो और विधान सभी निवार्चन नामावली पर में भी गेदालाल बाथम पुत्र गोविन्द दास बाथम के नाम ही दर्ज है।
प्रधानमत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमत्री अमित शाह, राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज चैहान, प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्र, जनजातिये कार्य विभाग अनुसूचित जाति कल्याण की सुश्री मीना सिंह, मुख्य सचिव मध्यप्रदेश सरकार, आयुक्त आदिम जाति कल्याण विभाग, पुलिस महानिदेशक के साथ केन्द्रीय जेल ग्वालियर को भेजी गयी शिकातय में माग की गयी है कि फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर सरकारी नौकरी हथियाने, उसका लाभ लेने के मामले की जांच, रिकवरी के साथ सभी जिम्मेदार अधिकारियों पर भी कडी कार्यवाही की जाये।
यहंा यह भी बताना आवश्यक है कि जब इस प्रकरण के आरोपी गेदालाल से सम्पर्क करने की कोशिष की गयी तो उनका मोबाइल व्यस्त कर दिया गया वही मंत्री प्रघुम्न ंिसह तोमर ने पूछे गये सवाल का जवाब देना उचित नही समझा।