नयी दिल्ली। नाबालिग से बलात्कार के मामले मे आजीवन ंजेल की सजा काट रहे कथावाचक आशाराम पर सुप्रीम कोर्ट ने वज्रपात किया है, उसने उनकी उस जमानत याचिका को खारिज कर दी है जिसमे उन्होनें अपने इजाल के लिए जमानत देने की गुहार लगाई थी।
राजस्थान के जोधपुर सेन्ट्ल जेल मे सजा काट रहे आशाराम ने उत्तराखड के आयुर्वेद सेन्टर मे अपना इलाज कराने के लिए जमानत स्वीकार करने की याचिका सु्रप्रीम कोर्ट मे लगाई थी। इस याचिका पर सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश इद्रिरा बनर्जी, वी रामासुबगमण्यम तथा बेला एक त्रिवेदी की पीठ ने की है। याचिका खारिज करते हुए न्यायाधीश बेल एक त्रिवेदी ने आषाराम पर कडी टिप्पणी करते हुए कहा कि आपने जो अपराध किया है वह कोई साधारण अपराध नही है। ऐसी हालत मे ंआपकी जमानत याचिका को स्वीाकर करने का कोई औचित्य नही बनता। आपको यदि आयूर्वेदिक चिक्तिसा चाहिए तो वह जेल मे ही उपलब्ध करा दिया जायेगा। पीठ ने यह भी कहा कि वह इस बारे मे जेल अधिकारियों को निर्देश देगा की आपकी चिक्तिसा सही तरीके से करायी जाये।
आषाराम की आयू और उनकी शारिरिक स्थिति को देखते हुए आशाराम के एडवोकेट वरिष्ठ एडवोकेट आर बसंत ने सुप्रीम कोर्ट से उन्हें जमानत देने की गुहार लगाई थी।