किरकिरी होते देख विभाग ने जीडी पर तस्करा करा उपनिरीक्षक को आनन् फानन भेजा घर
मामले की जांच एसपी ने सौपीं सीओ लाइन को
बाराबंकी। उत्तरप्रदेश के बाराबंकी से एक बेहद हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां तैनात एक उपनिरीक्षक के अपनी सेवानिवृत्ति आयू के दो वर्ष बाद तक नोैकरी करते रहने का मामला प्रकाश मे ंआया है। हालाकि प्रकरण के खुलासा होने के बाद अपनी हो रही किरकिरी को छुपाने के लिए पुलिस विभाग ने आनन फानन में उपनिरीक्षक से जीडी मे तस्करा करा उसे घर भेज दिया है और पूरे मामले की जाचं सीओ को सौंप दी है।
प्रकरण जिले के पुलिस लाइन मे तैनात उपनिरीक्षक जगतपाल वर्मा का है। बताया जा रहा है श्री वर्मा की सेवानिवृत्ति वर्ष 2019 के अक्टूबर माह मे ही हो जाना था परन्तु विभागीय लेखों मे गलत प्रवष्टि के चलते उनका रिटायरमेन्ट वर्ष 2021 हो गया। यहंा यह भी बताना आवश्यक है कि उपनिरीक्षक को इस बात की पूरी जानकारी थी कि नियमतः वह वर्ष 2019 में रिटायर हो जायेगा लेकिन वह इस बात को दबाये अपनी नौकरी बजाता रहा और वेतन भी उठाता रहा।
मामला तब प्रकाश मे आया जब शनिवार को पुलिस कार्यालय मे तैनात बडे बाबू ने जगतपाल के अभिलेखो का अध्ययन किया तो वह हैरान रह गये। उनको इस बात की जानकारी मिली कि उपनिरीक्षक जगतपाल की सेवानिवृत्ति वर्ष 2019 के अक्टूबर माह मे ही हो जानी थी लेकिन वह तो अभी तक अपनी डयूटी कर रहा है।
बडे बाबू ने तत्काल मामले की जानकारी उच्चधिकारियों के सज्ञान मे डाली जिस पर एसपी ने जगतपाल का बुला उनका तस्करा जीडी मे कराकर उन्हे घर भेज दिया। बताया जा रहा है कि जगतपाल के शैक्षिम प्रमाणपत्रों मे उनकी जन्मतिथि वर्ष 1959 लिखी है परन्तु उनके विभाग मे भर्ती के समय चरित्र पंजिका पर जन्मतिथि वर्ष 1962 लिख दी गयी। इस गलती के चलते उनकी सेवानिवृत्ति वर्ष 2019 मे नही हो सकी और वह सेवानिवृत्ति के 22 माह बाद तक खामोशी से अपनी डयुटी बजात हुए वेतन सहित अन्य लाभ भी उठाते रहे।
मामले पर एसपी यमुना प्रसाद ने जानकारी देते हुए बताया कि मामला उनकी सज्ञान मे है जाचं सीओ लाइन पंकज कुमार को सौप दी गयी है। जाचोंपरान्त पता चल जायेगा की गलती कहा से हुयी है उसी अनुसार आगे की कार्यवाही की जायेगी।