भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी, गणेश चतुर्थी के रूप में मनाई जाती है और भारत वर्ष में इस पर्व का उत्साह देखते ही बनता है। सभी आयु वर्ग के लोग इस उत्सव में उत्साह से शामिल होते हैं और प्रत्येक वर्ग के लोग अपने सामर्थ्य अनुसार भगवान गणपति जी के समक्ष अपनी भक्ति को प्रकट करते हुए विघ्न विनाशक गणपति जी को अपने घरों में, मंदिरों में एवं अन्य भव्य स्थानों पर स्थापित करते हैं। इस दिन गणेश जी की छोटी बड़ी हर स्वरुप की प्रतिमाओं को स्थापित किया जाता है। भक्ति स्वरूप हर कोई भगवान को अपने पास रखने की इच्छा रखता है और यह अवधि एक दिन से लेकर 10 दिनों तक चलती है। माना जाता है कि जो भी गणपति बप्पा की पूजा इन दस दिनों तक करते हैं, उनके सभी कष्ट गणपति जी दूर कर देते हैं एवं भक्त को सुखी जीवन का आशीर्वाद देते हैं।
फिलहाल गणेश महोत्सव की तैयारियां पूरे देश में आरंभ हो चुकी हैं और ये पर्व महाराष्ट्र सहित पूरे भारत में 10 सितंबर से 19 सितंबर तक पूरे हर्षोल्लास से मनाया जानेवाला है.
पंचांग के अनुसा सितंबर के महीने में गणेश चतुर्थी का पर्व कब पड़ रहा है आइए जानते हैं.-
पंचांग के अनुसार गणेश चतुर्थी का पर्व 10 सितंबर 2021, शुक्रवार को भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाएगा. इस दिन चित्रा नक्षत्र रहेगा और ब्रह्म योग रहेगा.
गणेश चतुर्थी- 10 सितंबर, 2021
मध्याह्न गणेश पूजा मुहूर्त- प्रातः 11:03 से दोपहर 01:32 बजे तक
चतुर्थी तिथि शुरू- 10 सितंबर 2021, को दोपहर 12:18 बजे
चतुर्थी तिथि समाप्त- 10 सितंबर 2021, को रात 09:57 बजे
गणेश महोत्सव आरंभ- 10 सितंबर, 2021
गणेश महोत्सव समापन- 19 सितंबर, 2021
गणेश विसर्जन- 19 सितंबर 2021, रविवार
पौराणिक मान्यता के अनुसार गणेश चुतुर्थी मनाए जाने की यूँ तो कई कथाएँ हैं, परंतु एक कथा जो सर्वविदित है वह इस तरह है कि भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी की तिथि पर कैलाश पर्वत से माता पार्वती के साथ गणेश जी का आगमन हुआ था. इसी कारण इस दिन गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है. स्कंद पुराण, नारद पुराण और ब्रह्म वैवर्त पुराण में गणेश जी का वर्णन मिलता है. भगवान गणेश बुद्धि के दाता है. इसके साथ ही उन्हें विघ्नहर्ता भी कहा गया है, जिसका अर्थ होता है. संकटों को हरने यानि दूर करने वाला.