नयी दिल्ली। एक प्रसिद्व डेयरी कम्पनी के पैकेट बन्द छाछ मे ंचूहा मिलने का मामला सामने आया है। मामले में पीडित ने न्यायालय की शरण लेते हुए याचिक दाखिल कर 20 लाख के हजाने की मांग की है। हालाकि न्यायलय ने मामले को खारिज करते हुए इसे उपभोक्ता कोर्ट में ले जाने की बात कहते हुए फूट सेफटी विभाग को कुछ दिशा निर्देश भी जारी किया है।
मामला उस समय सामने आया जब एक व्यक्ति द्वारा पिछले वर्ष कम्पनी का छाछ पीने से कई शारिरिक और मानसिक समस्याओं को सामना करना पडा था। उसे जब सेवन किये जा रहे छाछ पर संदेह हुआ तो उसके चेक करने पर उसमें उसे मांस के कुछ टुकटे दिखाई दिये। पीडित के मुताबिक ये टुकडे चूहे के लग रहे थे।
दाखिल याचिका को दिल्ली उच्च न्यायायल ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि इस तरह के मामलो के लिए अलग अदालते हेैं आप वहां जाइये। कोर्ट ने यह भी कहा कि प्रथम दृष्यतया आप इस मामले मे कोई साक्ष्य नही दिखा पाये है जिससे कुछ भी विवादित तय किया जाना सम्भव नही है। कोर्ट ने यह भी कहा कि याचिका को खारिज किये जाने का मतलब यह नही है कि आप उपभोक्ता अदालत का दरवाजा नही खटखटा सकते।
मामले पर पीडित द्वारा दाखिल याचिका मे कहा गया है कि याचिका कर्ता को शारिरिक और मानसिंक असर झेलना पडा है। याचिका में एफएसएसएआई तथा डेयरी कम्पनी से 20 लाख रूप्ये के हर्जाने की मांग भी की गयी है।