पुलिस ने कहा मामले की जाचं के बाद ही होगी कार्यवाही
बैतूल (मध्यप्रदेश)। अपने आपको जनता का मामा कहलवाये जाने में गर्व महसूस करने वाले मुख्यंत्री शिवराज चैहान के राज मे ंआये दिन महिलाओं पर किये जाने वाले अत्याचार और अपराधों की संख्या बढती जा रही है। खास बात तो यह है कि ये अपराध भी अजब अजब तरीके के किए जा रहे हैं। ताजा मामला भी कुछ इसी तरह का है जिसमें मानव तस्करी मे लिप्त एक आरोपी को पुलिस को सौपने के बजाये वहंा की पंचायत ने उसका ही पक्ष लेते हुए पीडित केा तस्कर के हवाले करने का परिजनों को फरमान सुना दिया। फिलहाल मामले में पुलिस की भी भूमिका संदिग्घ ही नजर आ रही है।
मामला बैतूल जिले के एक आदिवासी गावं से जुडा है। बताया जा रहा है यहां की एक युवती को उसके एक रिश्तेदार ने जबरन केरल के एक व्यक्ति के हाथों दो लाख मे बेच दिया। जहां युवती के खरीदार ने उसे बधक बनाकर रखने के साथ उसका अनेको बाद यौन शोषण भी किया। एक दिन मौका पाकर वह वहा से भाग कर अपेन घर आ गयी। इस बीच मानव तस्कर भी युवती केा खोजते खोजते उसके घर आ गया।
मामला शुरूआती विवाद के बाद स्थानीय पंचायत तक पहुचं गया जहंा पंचालय ने अजीबोगरीब फैसला सुनाते हुए स्वयं को मानव तस्करी को समर्थक जताते हुए कहा कि या तो लडकी को खदीदार को सौप दिया जाये या फिर उसे उसके पैसे वापस कर दिये जाये। हैरान करने वाला यह मामला न तो युवती को पचा ओैर न ही उसके परिजनों को इस पर उन्होनें पुलिस की शरण ली और वहां अपनी फरियाद रखी।
खास बात तो यह है कि पुलिस केा लगायी गुहार मे परिजनो ंन इस बात से इन्कार भी किया कि उन्होनें लडकी के बदले किसी से किसी तरह केे पैसे लिए है। फिलहाल इस मामले मे पुलिस ने जो रवैया अपनाया है वह भी कम हैरान करने वाला नही है। सीधे साधे मानव तस्करी के मामले पर पुलिस का कहना है िकवह मामले की जांच करेगी उसके बाद ही कोई कार्यवाही होगी।