गोण्डा। जेल अधीक्षक की नियुक्ति ने होने के कारण जेल का सम्पूर्ण दायित्व पाये जेलर और डिप्टी जेलर की मनमानी और भ्रष्ट आचरण को लेकर जिले के वरिष्ठ अधिवक्ता पंकज दीक्षित द्वारा शासन से की गयी शिकायत रंग लायी है। अयोध्या परिक्षेत्र के उप महानिरीक्षक कारागार द्वारा अधिवक्ता को पत्र भेजकर अवगत कराया गया है कि जेलर तथा डिप्टी जेलर के भ्रष्ट आचरण की जांच की जायेगी।
ज्ञात हो कि अधिवक्ता पंकज दीक्षित ने गोण्डा जिला जेल में तैनात जेलर तथा डिप्टी जेलर के भ्रष्ट आचरण की शिकातय करते हुए शासन को अवगत कराया था कि जिला जेल मे जेल अधीक्षक का पद रिक्त होने के कारण जेलर को जेल अधीक्षक का भी प्रभार मिला हुआ है। सम्पूर्ण जेल पर अपना अधीपत्य होने के कारण जेलर तथा डिप्टी जेलर ने पूरे जेल को भंष्टाचार का अडडा बना रखा है। वहां पर कैदियों से हफता वसूली की जा रही है जो कैदी हफता देने में अक्षम है उसका जमकर शोषण तथा उत्पीडन किया जा रहा है। कैदियों के खाने की गुणवत्ता का कोई ध्यान नही रखा जा रहा है जिससे कई कैदी तो खाना खाने से कतराने भी लगेे है। इसी के चलते खाने का पैसा बचाकर उनका जेलर तथा डिप्टी जेलर मे बन्दर बांट किया जा रहा है।
उन्होनें गम्भीर आरोप लगाते हुए यह भी कहा था कि प्रतिबंधित चीजो को भरपूर वसूली कर उन्हें जेल के अन्दर पहुचाया जा रहा है। जेलर द्वारा जेल अधीक्षक का सीयूजी नम्बर हमेशा बन्द रखा जाता है इतना ही नही वह अपना भी सीयूजी नम्बर बन्द रखकर अपने आवस पर मस्ती करते है। जब उनके मिलने के लिए कोई जाता है तो कह दिया जाता है कि तबीयत खराब है कल मिलेगें। इसी तरह के अन्य दर्जनों गम्भीर आरोप जेलर तथा डिप्टी जेलर पर अधिवक्ता द्वारा लगाये गये थे।
अधिवक्ता पकज दीक्षित के इस शिकायती पत्र का सज्ञान लेते हुए उपमहानिरीक्षक कारागार अयोध्या परिक्षेत्र ने गोण्डा जेलर तथा डिप्टी जेलर की जाचं कराये जाने की बात कही है।