लखनउ। अखिलेश यादव का साथ पाने को आतुर उनके चाचा शिवपाल यादव को आखिर अखिलेश ने अपनी शरण में लेने का फैसला ले ही लिया। गुरूवार को शिवपाल ओैर अखिलेश के मध्य हुयी एक बैठक मे इस बात का फैसला कर लिया गया कि शिवपाल यादव अपनी पार्टी का विलय समाजवादी पार्टी मे करेेगें। उनके इस निर्णय ने उनके उन कार्यकर्ताओं को ठगा सा महसूस कराया है जिन्होनें विधायकी लडने और विधायक बनने का सपना देख रखा था। कहा जाये तो शिवपाल यादव ने अपने उन सैकडो कार्यकर्ताओं के साथ ठगी की है जिन्होनें उनके आडे वक्त मे उनका साथ देकर उनका झंडा बुलंद कर रखा था। उनके इस निर्णय से उन पर सबसे बडा कुठाराघात हुआ है जिन कार्यकर्ताओं को शिवपाल ने अपने दौरे के दौरान विधानसभा चुनाव मे अपनी पार्टी का प्रत्याशी घोषित कर दिया था।
गुरूवार का दिन अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के उन कार्यकर्ताओं के लिए बडी बुरी खबर लेकर आया जिन्हे शिवपाल यादव द्वारा पार्टी प्रत्याशी के तौर पर आगामी विधानसभा चुनाव लडने का आश्वासन मिला था। दरअसल गुरूवार को शिवपाल यादव तथा अखिलेश यादव के बीच हुए एक बैठक में शिवपाल ने अपनी पार्टी का विलय समाजवादी पार्टी मे करने का फैसला कर लिया। उनके इस निर्णय से वह कार्यकर्ता अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे है। हालाकि मिल रही जानकारी के अनुसार अखिलेश ने 15 सीटें शिवपाल के कार्यकर्ताओ को देने का आश्वासन दिया है।