मेघालय: राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने शुक्रवार को मेघालय सरकार पर 100 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। सरकार पर ये जुर्माना अवैध खनन पर रोक लगाने में नाकाम होने के चलते लगाया गया है। खदान मामले में अधिकरण की सहायता कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट 2 जनवरी को एनजीटी अध्यक्ष एके गोयल कीअध्यक्षता वाली बेंच को सौंप दी गई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि मेघायलय में अधिकतर खदानों में बिना किसी लीज और लाइसेंस के संचालन चल रहा है। ये जुर्माना उत्तर पूर्वी राज्य में अवैध खनन पर रोक न लगा पाने के कारण लगाया गया है। सुनवाई के दौरान वकील ने कहा कि राज्य सरकार ने ये बात मानी है कि बड़ी संख्या में खदानों का अवैध तरीके से संचालन हो रहा है।
बात दें 370 फुट गहरी अवैध खदान में एक नदी का पानी आ जाने के कारण 15 लोग 13 दिसंबर से फंसे हुए हैं। उन लोगों को निकालने के लिए कई एजेंसियां काम कर रही हैं। लेकिन अभी तक एक भी मजदूर के बारे में कुछ पता नहीं चल पाया है। 14 दिसंबर की शाम को अवैध खनन के मालिक को भी गिरफ्तार किया जा चुका है। मजदूरों के रेस्क्यू ऑपरेशन में अभी तक सरकार के 50 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं।
वहीं गुरुवार को भी सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह बचाव अभियान से संतुष्ट नहीं है। कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा कि यह बहुत गंभीर समस्या है और फंसे हुए 15 मजदूरों की जिंदगी और मौत का सवाल है। वहीं मेघालय सरकार ने जवाब में कहा, ‘राज्य फंसे हुए मजदूरों को बचाने के लिए कदम उठा रहा है। एनडीआरएफ के 72, नौसेना के 14 और कोल इंडिया के 14 जवान 14 दिसंबर से तैनात किए गए हैं। इसमें केंद्र सरकार भी उसकी मदद कर रही है।