उत्तर प्रदेश गोंडा स्वास्थ्य

62 स्वास्थ्यकर्मियों को किया गया सेवामुक्त, मचा हड़कंप

स्वास्थ निदेशक के द्वारा नही किया गया सेवा विस्तार

पूर्व में कोविड महामारी के चलते कई बार किया जा चुका है सेवा विस्तार इस बार कोई आदेश नही।अधिकारी बेबस

गोण्डा। जिला चिकित्सालय के कोविड एल -2 हॉस्पिटल में तैनात केंद्रीय शहरी आजीविका आउट सोर्सिंग के द्वारा भर्ती 62 कर्मचारियों को जब अपने सेवा समाप्ति की सूचना मिली तो कर्मचारियों में हड़कंप मच गया।

आनन फानन में सभी कर्मचारी एकत्रित होकर हॉस्पिटल की बिल्डिंग के बाहर सेवा समाप्ति के विरोध में धरने पर बैठ गए और अस्पताल प्रशाशन के विरुद्ध नारेबाजी करने लगे।

आंदोलित कर्मचारियों का कहना है कि कोविड महामारी के दौरान उन लोगो ने अपनी हर परेशानियों को ताक पर रख कर प्रभावित मरीजो की सेवा की है।अभी कोविड खत्म नही हुआ है फिर अचानक आज ये आदेश की आप लोग काम बंद कर दें और घर जाए।आपकी सेवा अब समाप्त हो गई है अब आप काम नही कर सकते।आखिर अब हम लोग क्या करें।यह कह कर वह लोग परेशान होकर शाशन से अपने हक़ के लिए लड़ने की बात कहने लगे।

आंदोलित कर्मचारियों ने कोविड हॉस्पिटल को पूरी तरह बंद कर गेट पर कब्जा कर लिया है।किसी भी कर्मचारी व डॉक्टर को अंदर जाने नही दिया जा रहा है।
काम बंद होने पर कोविड हॉस्पिटल की कई सेवाएं प्रभावित होने की संभावना है। जिनमे प्रमुख रूप से वैक्सिनेशन, एंटीजेन टेस्टिंग,थर्मल स्कैनिंग,कम्प्यूटर ऑपरेटिंग,साफ सफाई,मरीज की देखभाल, अस्पताल की इन सभी कार्यों पर विपरीत प्रभाव पड़ना लगभग तय है।

कोविड हॉस्पिटल के 62 कर्मचारियों की निविदा सेवा समाप्ति को लेकर अधिकारी बेबस नजर आ रहे हैं। कोविड हॉस्पिटल में 8 पदों पर तैनात 62 कर्मचारियों में स्टाफ नर्स -20, वेंटिलेटर टेक्नीशियन-06, वार्ड बॉय-3 ,कम्प्यूटर ऑपरेटर-1, लैब टेक्नीशियन-14, इलेक्ट्रिशियन/ऑक्सीजन ऑपरेटर-2, जनरेटर ऑपरेटर-2, स्वीपर-14 के पदों पर तैनाती थी। अब इनकी सेवा समाप्ति से इन पदों के कार्यों पर विपरीत प्रभाव पड़ने की संभावना है। इस बारे में सी एम ओ से कार्यालय पर जाकर बात करने का प्रयास किया गया तो वह मौजूद नही थे।

कोविड हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉक्टर दीपक जायसवाल से मिलने पर वह बोले कि तैनात कर्मचारी सी एल सी के तहत मिशान निदेशक के द्वारा पूरे प्रदेश में आउट सोर्सिंग के जरिये निविदा पर जिले के सी एम ओ के माध्यम से मात्र तीन माह के लिए भर्ती किये गए थे।अगस्त 2020 में यह प्रक्रिया अपनायी गयी थी।तब से लेकर आज तक मिशान निदेशक के द्वारा कार्य विस्तार कर इन कर्मचारियों से कार्य लिया जा रहा था।इस बार 31 मार्च तक ही इनका सेवा काल था जिसका विस्तार नही हुआ है।ऐसी दशा में हम लोग इन कर्मचारियों से सेवाएं नही ले सकते।क्योंकि आदेश 31 मार्च तक ही था।कार्य लेने पर कई वित्तीय समस्या खड़ी हो सकती है जिसकी जिम्मेदारी नही ली जा सकती।

प्रकरण पर प्रमुख अधीक्षक डॉक्टर एस के रावत का कहना है कि इन कर्मचारियों की भर्ती मिसन निदेशक के आदेश पर मुख्य चिकित्साधिकारी के द्वारा की गई थी जिनके आदेश के अनुपालन में इन कर्मचारियों से कार्य कराया जा रहा था।चूंकि याब इनकी सेवा विस्तार का कोई आदेश नही आया है इसलिए इन्हें हटाया न रह है।फिलहाल इन कर्मचारियों की सेवा विस्तार से संबंधित कार्यवाही के लिए उच्च अधिकारियों को पत्र प्रेषित किया जा चुका है।आदेश आते ही आगे की कार्य योजना बनाई जाएगी।अभी इन कर्मचारियों से कार्य नही लिया जाएगा।हमारे पास उपलब्ध जो भी कर्मचारी है उनसे हॉस्पिटल का कार्य लिया जाएगा।

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अशफ़ाक़ शाह

(संवाददाता)

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