चन्द लोग अपनी वेषभूषा की आड़ में अमर्यादित अशोभनीय भड़काऊ भाषण और आचरण से आम जनमानस और शासन प्रशासन को शर्मसार कर सिरदर्द बन जाते हैं
भारतीय सभ्यता में, संन्तों की वेशभूषा गेरूआ रंग धारण करने के पीछे अध्यात्मवाद का संदेश होता है, मानव प्रेम मानवता,त्याग ,क्षमा दया की शिक्षा का प्रतीक होता है।
भारती संस्कृति की गेरूआ रंग की वेशभूषा में शिकागो में आयोजित “विशेष धर्म संसद ” में महान संत स्वामी विवेकानंद ने, भाईयो बहनों से संबोधन कर वसुधैव कुटुंबकम् की परम्परा से विश्व को अचंभित कर दिया था
बड़े दुख शर्म से कहना पड़ता है, कि वर्तमान में कुछ लोग चाहे किसी भी धर्म समुदाय के मानने वाले हों, निजी हित निजी स्वार्थ वर्चस्व के लिए,शोर करते हैं, दावा करते हैं,हम सच्चे भारतीय हैं पर यह अधूरा सच है।
वर्तमान में समाचार पत्र से ज्ञात हुआ,धर्म के नाम पर,कुछ शहरों,प्रदेशों में” धर्म संसद” के नाम पर, चन्द सभाएं की गईं,आम जन मानस में भड़काऊ भाषणों से, विशेष समुदायों को संबोधित करके कहा ये हमारा देश है, तुम्हारा भारत नहीं है,अमर्यादित भाषा जो पूरी तरह अशोभनीय थी।
हम भारतीय है हमारे पूर्वजों की पसंद का भारत है, वे सभी यही पैदा हुए, यही दफ़न हैं।हमे भी यही मरना जीना है।
किसी की भी सरकार हो, चाहे केन्द्र की या प्रदेश की वो नही चाहेगी कि उसकी सरकार मे अशांति दहशत, बलात्कार अप्राधिक घटनाएं बढ़ें
हम उन लोगों को स्वामी विवेकानंद की शिक्षा ग्रहण करें तो ज्ञान मिलेगा।
वसुधैव कुटुंबकम्,की संस्कृति हमारी मात्र भूमि भारत की मूल सांझी संस्कृति की मूल आत्मा है।
कोई भी प्रमेश्वर के बनाए भारत के मूल स्वरूप को नष्ट करने की क्षमता नहीं रखता।
हम में से कोई भी नाकारात्मक सोंच को हवन कुंड में भस्म करें,हमारी मात्र भूमि भारत की मूल पहचान अध्यात्मवाद की है ।
आइये हम सब पहले विदेशी घुसपैठियों का, विदेशी कम्पनियों का विरोध करें, राष्ट्र हित की योजनाओं में जो विरोध करते हैं, उनका विरोध करें,सरकार द्वारा बनाई जनहित योजनाओं को आम जनमानस तक लेजाने में अपना सहयोग दे।
,हम भारतवासी, राजनीति से उपर उठ कर उदारवादी बनें,भारत के ज़रूरतमंदों की मददगार बने ताकि भारत विश्व के विकास शील देशों की पंक्ति में खड़ा हो
ताकि बेरोज़गारी अशिक्षा अमीरी ग़रीबी की खांई समाप्त हो, समाजी बराबरी न्याय स्थापित हो ,सभी के भविष्य उज्जवल हों।
हम जल्द ही भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को, और मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश ,और डी जी पी उत्तर प्रदेश को ,सीता पुर ख़ैराबाद में , हुई घटना पर प्रार्थना पत्र देकर मांग करें गे ,कि इस अप्रीय घटना के सारे साक्षों के आधार पर आप सख़्त कार्रवाई करें।
“सार्वजनिक भीड़ में अपने भाषण मे बजरंगी मुनी दास ने सीतापुर खैराबाद में गेरूआ रंग धारण ,शीशे वाली मस्जिद के सामने भड़काऊ भाषण मे बड़े अशोभनीय भड़कने वाला भाषण दिया,जब कि वहा मौजूद पुलिस प्रशासन ने इसको रोकने का प्रयास भी नहीं किया। बजरंगी मुनी दास ने अमर्यादित घृणित भड़काऊ भाषा के साथ,भारतीय मुस्लिम मां,बहन, बेटियों, का सार्वजनिक बलात्कार करने की धमकी दी, सैंकड़ों की भीड़,अधिक संख्या में पुलिस बल भी था,तो क्यों नहीं रोका गया?
बजरंगी मुनी दास को ऐसा करने का संरक्षण कौन शक्तियां दे रही है,ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया जाए।
*किसी भी समुदाय का हो ,अमर्यादित भड़काऊ भाषण देने वालों पर न्यायालय संविधान के अनुसार ही सज़ा देता है
जब यह शर्मनाक भड़काऊ भाषण जनता सुन रही थी, तब ,पूरे भारत में सभी भारतीय,पवित्र पर्व चैत्र नवरात्रि,और रमज़ान एक साथ आपसी सौहार्द से मना रहे थे।
शाइस्ता अम्बर ,समाज सेवी
अध्यक्ष,अॉल इंडिया मुस्लिम महिला पर्सनल लॉ बोर्ड