उत्तर प्रदेश शिक्षा

राष्ट्रनायकों के संघर्ष और सिद्धांतों से अपने छात्रों को परिचित करता है ये विद्यालय

पचपेड़वा (बलरामपुर) । छात्र छात्राओं के चतुर्मुखी विकास व बौद्धिक स्तर को ऊंचा उठाने के लिए ये ज़रूरी है कि वो राष्ट्रनायकों,युग पुरुषों के जीवन और उनके संघर्षों से परिचित हों,वो उनके सिद्धांतों, एवं आदर्शों को आत्मसात करके सफलता के नए नए कीर्तिमान बना सकते हैं।

इसी उद्देश्य के तहत बलरामपुर जिले के पचपेड़वा स्थित जे.एस. आई.स्कूल में हर शनिवार को एक नए श्रृंखला की शुरुआत की गई है।जिसके तहत युग पुरुषों और महानायकों के जीवन से बच्चों को रूबरू कराया जाता है।

इस शनिवार 16 अप्रैल को संविधान निर्माता डॉ भीम राव अम्बेडकर के जीवन से जुड़े रोचक व प्रेरक प्रसंगों से बच्चों को अवगत कराया गया । स्वतंत्र पत्रकार व प्रबन्धक सग़ीर ए खाकसार ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि भीम राव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के एक छोटे से गांव में हुआ था। वो पढ़ने में बेहद प्रतिभाशाली थे उन्होंने बॉम्बे के एलफिंस्टन कालेज स्नातक व कोलंबिया विश्वविद्यालय से पढ़ाई की थी व लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से पीएचडी की थी।व स्वाध्याय के शौकीन थे 1938 में उनके पुस्तकालय में आठ हजार किताबों का संग्रह था जो उनके मृत्य के समय तक करीब पैंतीस हज़ार पहुंच गया था।अध्यापक किशोर श्रीवास्तव ने कहा कि बाबा साहब अपने समय के सबसे ज़्यादा पढ़े लिखे व्यक्त थे उनके पास बताया जाता है करीब 32 डिग्रियां थीं।वो सामजिक समरसता के पक्षर थे।

डॉ भीम राव अंबेडकर के जीवन से जुड़े रोचक व प्रेरणादायी संदर्भों को सुनकर बच्चे अभिभूत हो गए।

इस अवसर पर रवि प्रकाश श्रीवास्तव, मुदस्सिर अंसारी, किशन श्रीवास्तव, साजिदा खान, राजेश यादव, सचिन मोदनवाल, नसीम कुरेशी, अंजुम सफिया, शमा, पूजा, विश्वकर्मा, महजबीन, फरहान खान, अलका श्रीवास्तव आदि की उल्लेखनीय उपस्थिति रही।

About the author

अशफ़ाक़ शाह

(संवाददाता)

aplikasitogel.xyz hasiltogel.xyz paitogel.xyz
%d bloggers like this: