शासन के आदेश का हो अनुपालन,आठ बजे से बैठे डॉक्टर ओपीडी में :-अपर निदेशक एच डी अग्रवाल
ओपीडी रजिस्टर में दर्ज करें,बीमारी व इलाज में दी गयी दवाएँ
गोण्डा। उत्तर प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरूप,स्वास्थ मंत्री के आदेशानुसार जन जन को बेहतर स्वास्थ व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए जिला प्रशासन को अब धरातल पर कार्य करना होगा।अब अस्पताल में डॉक्टर अपनी मर्जी से नही नियमो के अनुशार सुबह आठ बजे ओपीडी में मौजूद होने चाहिए।सभी डॉक्टर अपने देखे गए मरीजो की सम्पूर्ण जानकारी अपने ओपीडी रजिस्टर में अंकित करें।डॉक्टरों को अब मरीज की बीमारी उसके लिए चलाई गई दवाएँ उसकी स्थिति भी ओपीडी रजिस्टर में लिखना अनिवार्य होगा।उक्त बातें अचानक जिला अस्पताल में निरीक्षण के लिए पहुंचे अपर निदेशक डॉक्टर एच डी अग्रवाल ने प्रमुख अधीक्षक की मौजूदगी में डॉक्टरों की ओपीडी के निरीक्षण के दौरान कहा। निरीक्षण में उनके साथ जे डी मिश्रा भी साथ साथ मौजूद रहे।
दोपहर दो बजे के करीब अचानक जिला अस्पताल पहुँचे अपर निदेशक एवम जॉइंट डायरेक्टर ने अस्पताल के अंदर मौजूद कई खामियों का गहराई से छानबीन किया।उन्होंने सभी ओपीडी के डॉक्टरो को ओपीडी में जाकर सख्त हिदायत के साथ यह बात कही की आज के बाद अब सभी डॉक्टर आठ बजे से ओपीडी शुरू करेंगे। दो बजे से पहले वह ओपीडी नही छोड़ेंगे। मरीजो के इलाज की पूरी जानकारी ओपीडी रजिस्टर पर दर्ज करेंगें। डॉक्टर अग्रवाल का कहना था कि याब हिला हवाली बर्दाश्त नही किया जाएगा।प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टर अब सुधर जाएं उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही अब सुनिश्चित है।
जॉइंट डायरेक्टर डॉक्टर अनिल मिश्रा ने भी प्रमुख अधीक्षिका डॉक्टर इंदुबाला से शासन के मंशा के अनुरूप लोगों को बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए अब किसी भी प्रकार की अड़चनो को आड़े नही आने देने की बात कही है। निरीक्षण के दौरान इमरजेंसी की साफ सफाई एवम फिजियोथेरेपी कक्ष को देखकर नाराज दिखे। अपर निदेशक ने प्रमुख अधीक्षिका को 10 दिन के अंदर फिजियोथेरेपी कक्ष को एकदम नए रूप से बनाने का आदेश दिया है। उन्होंने सीएमओ के द्वारा जिला अस्पताल भेजे गए सम्बद्ध डॉक्टरो की संख्या के बारे जानकारी करते हुए पूछा कि उन्हें कहाँ तैनात किया गया है।जिस पर प्रमुख अधीक्षक ने बताया कि छ: लोगों की तैनाती है।तीन डॉक्टर टेली मेडिसन में एक मानसिक रोग में एक ब्लड बैंक व एक पोषण पुनर्वास केंद्र में तैनात है।
उन्होने डाक्टरों के द्वारा रजिस्टर में दस्तखत न किये जाने पर चेतावनी देते हुए आइंदा रोजाना दस्तखत करने की बात कही है।
निरीक्षण में दौरान दोनों अधिकारियों ने ओपीडी रजिस्टर कर्मचारियों की उपस्थिति एवम उनके समय अनुपालन का भी जायजा लिया। चीफ फार्मासिष्ट एस पी सिंह से शासन द्वारा उपलब्ध कराई जा रही संवेदनशील दवाओं की संख्या के बारे में पूंछा की कितनी दवाएं है।जवाब मिला कि 260 कहा कि मुझे इनकी उपलब्धता का पूरा सही आंकड़ा मेरे मेल पर भेजें जो न हो उसकी डिमांड करें। जांच केंद्र में एक्सरे फ़िल्म, अल्ट्रा साउंड की फ़िल्म न दिए जाने पर गहरी नाराजगी जताते हुए तत्काल हर मरीज को इसे उपलब्ध कराने का आदेश प्रबंधक डॉक्टर अनिल कुमार वर्मा को दिया।
जाते जाते उन्होंने जिम्मेदारों को स्पष्ट लहजे में यह बात समझने की हिदायत दी कि अब प्रदेश नेतृत्व स्वास्थ्य विभाग की हर कमजोर कड़ी को दुरुस्त करने के लिए दृढ़ संकल्पित है।जिसे धरातल पर उतारने की जिम्मेदारी जिम्मेदारों की है।अब इसे खुद समझ लें कि हीला हवाली टाल मटोल के दिन अब गए!अब कार्य करना होगा बदलाव दिखाई पड़ना चाहिए।
निरीक्षण के दौरान प्रमुख अधीक्षक इंदु बाला,मैंटर्न दिनेश मिश्रा,डॉक्टर पी ए रॉय,डॉक्टर चेतन पराशर,डॉक्टर जितेंद्र,डॉक्टर दीपक कुमार,डॉक्टर संजय शर्मा ,प्रबंधक माइक्रो बायोलॉजिस्ट डॉक्टर अनिल वर्मा, रोगी सहायता सहायक ,अनिल वर्मा, चीफ फार्मासिष्ट एस पी सिंह, रेडियोलाजिस्ट डॉक्टर पवन कुमार उपस्थित रहे।
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