गोंडा। लाल बहादुर शास्त्री महाविद्यालय में भौतिक विज्ञान विभाग एवं आइक्यूएसी द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन संपन्न हुआ। उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि गोंडा के जिलाधिकारी डॉ. उज्ज्वल कुमार ने कहा कि आइडिया बहुत जरूरी है और उसका अनुप्रयोग और भी जरूरी है। स्टार्टअप के माध्यम से उद्यमिता का विकास करना देश की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। ‘धारणीय प्रौद्योगिकी के लिए स्मार्ट सामग्री एवं उपकरण’ विषय पर आयोजित नेशनल कांफ्रेंस में उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी क्षण-प्रतिक्षण परिवर्द्धनशील है। यह युवा पीढ़ी को तय करना है कि प्रौद्योगिकी का विकास स्वयं, समाज और देश के सतत विकास के लिए किस तरह करना है। उन्होंने कांफ्रेस के आयोजक मंडल के प्रति धन्यवाद किया।
मुख्य वक्ता पूर्व प्रतिकुलपति प्रोफेसर एस. एन. शुक्ल, भौतिक विज्ञान विभाग, डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, अयोध्या ने परिवर्तनशील विश्व में तकनीक की पहुँच और प्रभाव को संप्रेषित किया। नई शिक्षा नीति में शोध पर किए गए संकेन्द्रण पर भी उन्होंने प्रकाश डाला।
महाविद्यालय प्रबंध समिति की उपाध्यक्ष वर्षा सिंह ने अपने उद्बोधन में भौतिक विज्ञान के परास्नातक विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय स्तर के ऐसे आयोजन शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों की प्रतिभा में चमक लाते हैं और उन्हें भावी चुनौतियों के लिए तैयार करते हैं। उन्होंने आगामी चार वर्षों में महाविद्यालय को प्रदेश के शीर्ष स्थान पर ले जाने के संकल्प को दुहराया।
प्रबंध समिति के सचिव उमेश शाह ने सुंदर आयोजन की सराहना की। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि इन दो दिनों में विद्वानों, शोधकर्ताओं द्वारा किया जाने वाला विचार मंथन महत्त्वपूर्ण निष्कर्ष सामने लाएगा।
कार्यक्रम अध्यक्ष, प्राचार्य प्रो. रवींद्र कुमार ने सभी आमंत्रित अतिथियों, आयोजक टीम के प्रति साधुवाद व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन विद्यार्थियों और अनुसंधित्सुओं की समझ बढ़ाने और शोध के लिए वातावरण तैयार करते हैं। मानव-समाज, वनस्पति-जगत और जीवों की दुनिया का समावेशी कल्याण कैसे हो, यह हमें मिलकर सोचने और कार्य करने का क्षेत्र है। ज्ञान के सभी अनुशासनों को मिलकर इस काम को करना होगा।
राष्ट्रीय संगोष्ठी के संयोजक महाविद्यालय में भौतिक विज्ञान के अध्यक्ष प्रो. जितेंद्र सिंह ने सभी आमंत्रित अतिथियों का स्वागत किया। संगोष्ठी के आयोजन सचिव संतोष कुमार श्रीवास्तव ने सबके प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।
प्रथम तकनीकी सत्र में प्रोफ़ेसर एस. एन. शुक्ल ने तरंगों की सूक्ष्म संरचना पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने तरंगों की संरचना पर अद्यतन हुए शोध कार्यों को साझा किया। उन्होंने कहा कि शोध की यात्रा में असफलताओं का विशेष महत्त्व है। इन असफलताओं से आगे के शोधक यह सीखते हैं कि हमें गलतियाँ कहाँ नहीं करनी हैं।
प्राचार्य, जौनपुर डिग्री कॉलेज डॉ. एस. पी. सिंह ने प्रथम सत्र की अध्यक्षता की। उन्होंने स्मार्ट मटीरियल्स की रिवर्सिबलिटी पर अपने वक्तव्य को केंद्रित किया। हिंदी विभाग के प्रोफेसर शैलेंद्र नाथ मिश्र ने प्रथम तकनीकी सत्र की सह अध्यक्षता की।
गणित विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर मनीष शर्मा ने प्रथम तकनीकी सत्र के समापन पर धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर देश के अलग-अलग क्षेत्र से आए भौतिक विज्ञान के विशेषज्ञों एवं शोधकर्ताओं ने प्रतिभाग किया और शोधपत्र प्रस्तुत किया। इस मौके पर आए शोध पत्रों के सारांश का ई-संस्करण लोकार्पित किया गया।
कार्यक्रम का प्रारंभ दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना से हुआ। एमएससी भौतिक विज्ञान की छात्रा दीपांशी श्रीवास्तव और वैष्णवी शुक्ला ने संयुक्त रूप से कार्यक्रम का संचालन किया।
महाविद्यालय की पूर्व प्राचार्य प्रो. वंदना सारस्वत, आइक्यूएसी के समन्वयक प्रो. आर. एस. सिंह, प्रो. अतुल कुमार सिंह, प्रो. संजय कुमार पांडेय, प्रो. श्याम बहादुर सिंह, प्रो. श्रवण श्रीवास्तव, प्रो. मुकुल सिन्हा, प्रो. अमन चंद्रा, प्रो. अभय कुमार श्रीवास्तव, प्रो. विजय अग्रवाल, डॉ. रंजन शर्मा, प्रो. जय शंकर तिवारी, डॉ. शिशिर त्रिपाठी, डॉ. पुष्यमित्र मिश्र, डॉ. बृजेन्द्र बहादुर विश्वकर्मा, डॉ. डी. एन. त्रिपाठी, डॉ. दिलीप शुक्ल, डॉ. ममता शुक्ला, डॉ. अंकित मौर्य, डॉ. शोभित मौर्य, नम्रता, अनुराधा समेत अनेक शिक्षकों ने कार्यक्रम में उपस्थित रहकर सुचारु व्यवस्था बनाने में योगदान दिया।
You must be logged in to post a comment.