गोंडा। कर गुजरने को हो कोई भी मंजिल, रूकावटें आ नहीं सकती। कहावत सिद्ध कर दिया अमर बहादुर यादव ने। क्लैट परीक्षा के आए परिणाम में अमर बहादुर यादव ने ऑल इंडिया रैकिंग में 1525 वीं रैंक प्राप्त किया वहीं ओबीसी में 136 वां रैंक पाकर अमर बहादुर यादव ने सिद्ध कर दिया कि कोई भी मंजिल मुश्किल नहीं है बस कर गुजरने का जज्बा होना चाहिए।
अमर बहादुर यादव की प्रारंभिक शिक्षा गोंडा के सेंट जेवियर्स हायर सेकेंडरी स्कूल में हुई, तैयारी हेतु अमर बहादुर यादव ने जयपुर में कोचिंग के माध्यम से शिक्षा ग्रहण की एवं 1 वर्ष दिल्ली में भी तैयारी की। इनके पिता लाल बहादुर यादव जिला पंचायत गोंडा में लेखाकार पद पर कार्यरत थे, जो अब बहराइच में तैनात हैं। बताते चलें कि अमर के बड़े पिता कालिका प्रसाद यादव सेना से सूबेदार मेजर पद से रिटायर्ड हैं, से परिवार के सभी बच्चे अनुशासन के प्रेरणास्रोत बने। उनका बेटा पंकज यादव आईएएस की परीक्षा पास कर रेलवे में सर्विस दे रहे हैं एवं दूसरा चचेरा भाई पीसीएस की परीक्षा पास कर डिप्टी जेलर के पद पर तैनात होकर ट्रेनिंग ले रहे हैं वहीं एक भाई सेना में सेवा दे रहे हैं। पूरा परिवार शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़कर मिसाल कायम कर रहे हैं।
मात्र 18 वर्ष की उम्र में क्लैट की परीक्षा में ऑल इंडिया 136 वी रैंक लाकर अमर बहादुर यादव ने सिद्ध कर दिया कि कोई भी मंजिल मुश्किल नहीं है यदि जज्बा हो कर गुजरने की। इस संबंध में अमर बहादुर यादव ने बताया कि बचपन से मेरी इच्छा जज बनने की थी, उसी का यह एक प्रयास है, सफलता के पीछे उसने अपने माता-पिता, गुरुजन व परिवार में चयनित हुए भाइयों से मिले प्रेरणा को सूत्रधार बताया।