उत्तर प्रदेश गोंडा स्वास्थ्य

आक्सीजन प्लांट ख़राब, अपर निदेशक ने निपटा दिया माक ड्रिल

प्रमुख सचिव के निर्देश की पूरी की गई औपचारिकता 

गोंडा। प्रमुख सचिव स्वास्थ पार्थ सारथी सेन शर्मा के द्वारा दिए गए प्रदेश के समस्त मंडल के अपर निदेशकों को जारी निर्देश के क्रम में मंगलवार को बाबू ईश्वर शरण जिला चिकित्सालय स्थित 200 बेड़ों की क्षमता वाले कोविड-19 चिकित्सालय में मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया।जिसका नेतृत्व अपर निदेशक चिकित्सा स्वास्थ एवम परिवार कल्याण डॉक्टर एच डी अग्रवाल ने किया।कार्यक्रम के दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर रश्मि वर्मा भी श्री अग्रवाल के साथ उपस्थित रही।

यह मॉक ड्रिल कोविड-19 बीमारी के इलाज को लेकर उपलब्ध समस्त व्यवस्थाओं को परखने के लिए शासन के द्वारा निर्धारित किया गया था।डॉक्टर अग्रवाल एवम डॉक्टर रश्मि वर्मा ने संपूर्ण चिकित्सालय की तैयारी के साथ ही कमियों को भी परखा। कोविड अधीक्षक डॉक्टर दीपक कुमार ने श्री अग्रवाल को बताया कि चिकित्सालय में पहले से ही 200 बेडो की व्यवस्था उपलब्ध है। जिनमे पीकू बेडों की संख्या 18 है।आई सी यू बेड की संख्या 17 है। संपूर्ण चिकित्सालय ऑक्सीजन सप्लाई से आच्छादित है। साथ ही अपातकालीन अवस्था के लिए 56 ऑक्सीजन कंसट्रेटर बैकअप भी उपलब्ध है। जिनमें एक खराब पाया गया जिसे मेंटीनेंस के लियभेजा गया है। निरीक्षण के दौरान चिकित्सालय में 114 सी टाइप ऑक्सीजन सिलेंडर भी उपलब्ध पाए गए।

अपर निदेशक ने माइल्ड से मॉडरेट केसेस के लिए जरूरी दवाओं की भी जानकारी लेते हुए अधीक्षक डॉक्टर दीपक से बात की।उन्होंने बताया कि एंटीबायोटिक ब्रॉन्कोडायल्स पैरासिटामोल एवम सपोर्टिंग दवाइयां सभी उपलब्ध है। गंभीर मरीजों के लिए दवाइयां शासन स्तर पर उपलब्ध कराई जाती हैं। सी एम ओ एवम अपर निदेशक ने मॉक ड्रिल के दौरान उपलब्ध स्वास्थ व्यवस्थाओं पर संतोष व्यक्त किया है।

ऑक्सीजन प्लांट चल रहा खराब, हो गया मार्क ड्रिल

प्रदेश सरकार के लाख कोशिशों के बाद भी स्वास्थ सेवाएं पटरी पर नहीं आ पा रही है। उत्तर प्रदेश एवम भारत सरकार के संयुक्त प्रयास से कोविड 19 मरीजों के लिए स्थापित किए गए 1500 एलएमपीएम क्षमता वाला कोविड हॉस्पिटल का मुख्य ऑक्सीजन प्लांट कई माह से खराब चल रहा है। जिसके कारण कोविड हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों को प्लांट के द्वारा ऑक्सीजन सप्लाई नहीं मिल पा रही है। गौरतलब है कि कोविड के मरीजों की प्रथम आवश्यकता ऑक्सीजन ही है। कहने को तो ऑक्सीजन कंसांट्रेटर के साथ ही ओसीजन के सी टाइप सिलेंडर भी उपलब्ध है। लेकिन प्लांट के द्वारा उपलब्ध ऑक्सीजन सप्लाई के महत्व को इन सेवाओं से जोड़ कर नही देखा जा सकता।

प्रमुख अधीक्षक जिला चिकित्सालय डॉक्टर पी डी गुप्ता के अनुसार ऑक्सीजन प्लांट की ऑक्सीजन में प्यूरिटी कम है बता दें कि ऑक्सीजन की प्यूरिटी 90% से लेकर 95% तक होना अनिवार्य है। वही प्लांट के द्वारा कार्य के दौरान प्रेसर भी सही नही जिसके कारण ऑक्सीजन सप्लाई में बाधा उत्पन्न होता है। इन्ही परेशानियों के चलते प्लांट के इंजीनियर सायरस कंपनी के कर्मचारियों को इसके मेंटीनेंस की जिम्मेदारी सौंपी गई है। जो कि पिछले तीन दिनों से उसे ठीक करने का प्रयास कर रहे है।

मॉक ड्रिल कार्यक्रम के दौरान अपर निदेशक डॉक्टर एच डी अग्रवाल , प्रिंसिपल मेडिकल कालेज डॉक्टर धनंजय श्रीकांत कौस्ताने, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉक्टर रश्मि वर्मा, प्रमुख अधीक्षक डॉक्टर पी डी गुप्ता, माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉक्टर अनिल कुमार वर्मा, कोविड अधीक्षक डॉक्टर दीपक, डॉक्टर अनिल तिवारी, डॉक्टर मृणाल, डॉक्टर अनवर जमाली, डॉक्टर कमल किशोर, स्टाफ नर्स चंदन, मंदाकिनी, लक्ष्मी सिंह, बृजेश यादव एवम अन्य स्टाफ उपस्थित रहे।

About the author

अशफ़ाक़ शाह

(संवाददाता)

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