अनुसूचित जाति ने पिछड़े वर्ग का लगाया था फर्जी प्रमाणपत्र
तत्कालीन अधिकारी और कर्मचारी भी आएंगे लपेटे में
गोण्डा। अधिकारियो कर्मचारियों की साँठगांठ से अनुसूचित जाति के व्यक्ति द्वारा पिछड़े वर्ग का फर्जी प्रमाणपत्र लगा कर नौकरी हथियाने का मामला प्रकाश में आया हैं, प्रशासन द्वारा शिकायत का संज्ञान न लेने पर न्यायालय की शरण में पहुंचे शिकायत कर्ता को सम्मान देते हुए न्यायालय ने जिलाधिकारी को पूरे मामले की जाँच कर आख्या भेजनें का निर्देश जारी किया हैं, इस मामले में खास बात तो ये हैं की फर्जी नियुक्ति पाए व्यक्ति की मृत्यु उपरांत उसकी पत्नी भी मृतक आश्रित पर नौकरी करने लगी लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों को इस घोटाले की कोई खबर न लगी।
हैरान करने वाला ये प्रकरण जिले के थाना मोतिगंज अंतर्गत ग्रामीण सीहागांव का हैं, आरोप है की सीहागांव निवासी उर्मिला पत्नी स्वर्गीय शिवकुमार अनुसूचित नट्ट जाती की हैं लेकिन पिछडी जाति के फर्जी प्रणाम पत्र के आधार पर नौ कर रही हैं, खास बात तो ये है की ये नौकरी उसके पति ने ली थी जिसके मृत्यु उपरांत पत्नी ने मृतक आश्रित के आधार पर अपना दावा ठोका था। अर्थात जिम्मेदारों को प्रमाणपत्र जाँचने का मौका दो दो बार मिला लेकिन अधिकारियों और कर्मचारियों ने अपनी आँखों पर रिश्वत का ताला लगा रखा था।
शिकायत कर्ता ने उर्मिला सहित उसके भाई पंकज, जिला पंचायत राज अधिकारी सहित अन्य के विरुद्ध शिकायत करते हुए न्यायालय की शरण ली थी जिसपर न्यायालय ने मामले का सज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी को पूरे मामले की जाँचकर 8 मई को आख्या प्रस्तुत करने का आदेश जारी कर दिया हैं।