गोण्डा। जनपद के जिला सूचना अधिकारी पत्रकारो को परेशान करने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे है अपना स्वयं का नियम कानून जबरन पत्रकारो पर थोप रहे है सरकारी नियम शासनादेश को ताक पर रख स्वयं का नियम लागु करने का आरोप जिले के तमाम पत्रकार उनपर लगा रहे है।
सूचना अधिकारी की कार्यशैली से आहत पत्रकारों की माने तो जनपद के मान्यता प्राप्त पत्रकारो का कार्ड रिन्यूवल जनवरी फरवरी माह में होता है जिसका नोटिफिकेशन शासन ने जारी कर रखा है लेकिन गोंडा में मार्च के अंतिम में हुआ है वह भी सूचना निदेशक के हस्तक्षेप पर, इसी तरह निकाय चुनाव कवरेज पास जारी करने में जिला सूचना अधिकारी द्वारा बिना किसी मानक के कुछ समाचार पत्रों को दर्जनों पास जारी कर दिए गए तो कुछ को पूरी तरह से पास से वंचित कर दिया गया ।
पीड़ित पत्रकारों का तो आरोप यह भी है की अधिकारी संजय कुमार ने शासन के प्रमुख नियमों को ताक पर रखते हुए डिजिटल तथा सोशल मीडिया के भी कुछ लोगो को पास जारी कर दिया गया है जो की पूरी तरह अवैध और नियमविरुद्ध हैं। आक्रोषित पत्रकारों ने ये भी बताया की जवाबदेही और जिम्मेदारी से बचने के लिए सूचना अधिकारी संजय कुमार अपनी मनमानी करने के बाद चुनाव के एक दिन पहले चार बजे तक कार्यालय छोड़ कर चले गए और अपना फोन उठाना बंद कर दिया।
कुछ पत्रकार तो दबी जुबान से ये बड़ा आरोप लगाते भी दिखे की विभाग द्वारा कुछ अवैध लोगो को अनुचित लाभ लेकर पास का एक तरह से व्यवसाय करते हुए उन्हें उपलब्ध करा दिया गया है, आरोप बहुत ही गंभीर है, सही है या गलत यह जांच का विषय है। खास बात तो यह है की इस संबंध में जिला सूचना अधिकारी संजय कुमार से मिलकर पत्रकारो ने बात किया है जिसका वीडियो भी वायरल हो रहा है जिसमे वह कहते हुए दिख रहे है की मै नियम कानून व किसी अधिकारी को नही मानता मै जैसा चाहूँगा वैसा ही होगा चाहे जिससे शिकायत कर लो।
जिस पर जिला सूचना अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि बड़े अखबारों की बीस हजार कापी आती है इसलिए तीन बड़े अखबारो के क्षेत्रीय लोगो का 41 पास जारी किया है बाकी का एक एक पास जारी किया गया है श्री कुमार ने इस बात पर भी सफाई दी है की डिजिटल या सोशल मीडिया के किसी भी व्यक्ति को किसी तरह का पास जारी नहीं किया गया है लेकिन सूचना अधिकारी के बयान और उनकी वायरल वीडियो में भिन्नता है जिससे सिद्ध होता है की कही ना कही कुछ तो गड़बड़ है फिरहाल पत्रकारो द्वारा सूचना निर्देशक से शिकायत की गई है और उनको न्याय का इंतजार है अब देखना यह है कि क्या जिम्मेदार अधिकारी पीड़ित पत्रकारो को न्याय दिलाएंगे या उनका जिला सूचना अधिकारी द्वारा शोषण करने दिया जाएगा l