श्रावस्ती। जनता की समस्याओं को नज़रअंदाज़ करना, उनके सुख दुख में उनकी सुध न लेना और चुनाव आते ही खुद को दावेदार घोषित करना किसी प्रत्याशी के लिए कितना महंगा हो सकता है इसकी असलियत जाननी हो तो उत्तरप्रदेश के श्रावस्ती लोकसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी रामशिरोमणि वर्मा से पूछिए जिन्हे जनता के विरोध का सामना इस कदर करना पड़ा की जीत तो छोड़िये प्रचार करना भी असंभव हो गया।
सपा के लोकसभा प्रत्याशी रामशिरोमणि वर्मा अपने प्रचार के दौरान जिले के जमुनहा बाजार पहुंचे थे, 20 मई की देर शाम वो प्रचार कर ही रहे थे की बाजार में कई लोगो ने उन्हें घेर लिया और उनसे पूछने लगे की वे पिछले पांच वर्ष तक कहाँ थे, अब चुनाव आया है तो आप वोट मांगने आ गए, लोगो ने अपने सवालों का संतोषजनक उत्तर न मिलते देख हंगामा शुरू कर दिया।
श्री वर्मा के समर्थकों ने वहाँ मौजूद लोगो को समझाने का भरसक प्रयास किया लेकिन श्री वर्मा से आक्रोषित लोगो का हंगामा बढ़ता ही गया, अपने खिलाफ लोगो में व्याप्त आक्रोश को देखते हुए सपा प्रत्याशी ने वहां से खिसकना ही उचित समझा और आनन फानन में अपने समर्थकों सहित अपने अपने वाहनों पर सवार होकर वहा से निकल लिए।