मतदाताओं से गांरटी फार्म भरवाना पड सकता है मंहगा
नयी दिल्ली। कांग्रेस द्वारा मतदाताओंा को 8500 प्रतिमाह दिये जाने का वादा उल्टा पड सकता है, कांग्रेस के इस वादे को निर्वाचन नियमों का उल्लंघन बताते हुए एक अविधक्ता ने राष्ट्पति से इसकी शिकायत की है। यदि राष्ट्पति ने इस शिकायत को गम्भीरता से लेते हुए आयोग को कार्यवाही करने के लिए आदेशित कर दिया तो कांग्रेस के सभी नवनिर्वाचित संासदों की सदस्यता निरस्त की जा सकती है।
ज्ञात हो कि कांगेेस ने अपने चुनाव में पांच गारटियों को जिक्र करते हुए जनता को अन्य वादों के साथ ही महिलाओं को प्रतिमाह आठ हजार पाचं सोै रूप्ये दिये जाने का वादा किया था। यहां तक तो सब ठीक था लेकिन कांग्रेस ने इस वादे को अमली जाता पहनाने के उददेश्य से महिलाओं से इस बावत अन्य सरकारी योजनाओं की तरह एक फार्म तक भरवाया था जिसमें मतदाताओं की सभी व्यक्त्गित जानकारियों को लिया गया था और उसे अपने कार्यालय मे ंजमा कराया गया था।
दिल्ली के अधिवक्ता विभोर आनन्द ने राष्ट्पति को भेजे अपने शिकायत में कहा है कि कांग्र्रेस ने आम चुनावों में जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 123 ,1, के तहत अपराध किया है जो मतदाताओं को रिश्वत देने के एकमात्र इरादे से घोर भ्रष्ट आचरण के बराबर है, कां्रग्रेस द्वारा मतदाताओं को नगद देने के वादे के लिए फार्म भरवाना जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत अपराध है ये वोट के बदले नोट के समान है जो कि अनुचित है।
अधिवक्ता ने कहा है कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 123 और कांग्रेस पार्टी की गारंटी कार्ड केा पढने से ही यह स्थापित हो जाता है कि कांगेस औार उसके नेताअें ने अपने सभी सदस्यों के साथ मिलकर महिला मतदाताओं को लुभाने के लिए हर महिला को 8500 रूप्ये प्रतिमाह के हिसाब से प्रतिवर्ष एक लाख रूप्ये देने का लालच देकर घारे भ्रष्ट आचरण किया है।
अधिवक्ता ने यह भी कहा है कि कांग्रेस ने गरीब मुस्लिम महिलाओं को अपने पक्ष में करने की कोशिष की जिसका प्रमाण लखनउ के साथ अन्य प्रदेश के कांगेेस कार्यालय मे ंलगी महिलाओं की कतार में साफ देखा जा सकता है जिसमें मुस्लिम महिलाओं की संख्या सबसे ज्यादा दिखाई दे रही है। अधिवक्ता विभोर ने राष्ट्पति से गुहार लगाई है कि कांग्रेस के सभी 99 सांसदों को अयोग्य ठहराने के चुनाव आयोग को निर्देश दिया जाना चाहिए जिससे भविष्य मे ंइस तरह कोई पार्टी नियमों का स्पष्ट उल्लंधन से बचते हुए लोकतंत्र को कलंकित न करें।
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