ट्वीट कर अपने साथ साजिश की सम्भावना कर दी थी व्यक्त, गंभीरता और गहराई से होनी चाहिए जाँच
नई दिल्ली/पेरिस। भारत के 140 करोड़ देश वासियों को एक बड़ा आघात उस समय लगा ज़ब पेरिस ओलम्पिक में स्वर्ण पदक की मजबूत दावेदार विनेश फोगाट को अयोग्य करार देकर ओलम्पिक से बाहर कर दिया गया। पहलवानों के शोषण के विरुद्ध चलाये गए अभियान का मुख्य चेहरा विनेश ने आज से चार माह पूर्व ही इस बात की आशंका व्यक्त कर दी थी की उनके साथ कोई भी साजिश हो सकती है। देश के गौरव के लिए जागृत मोदी सरकार क्या विनेश की व्यक्त की गई आशंका को गंभीरता से लेते हुए जाँच कराकर सच्चाई सामने लाएगी?
अपना बेहतरीन प्रदर्शन देते हुए मंगलवार को 50 किलोग्राम वर्ग की कुश्ती में अंतिम दो अर्थात फ़ाइनल में पहुंची विनेश फोगाट को अयोग्य करार दें दिया गया, बताया गया की उनका वजन निर्धारित तौल से 100 ग्राम ज्यादा है, ओलम्पिक कमेटी का ये निर्णय जितना विनेश के लिए हतप्रभ करने वाला था उतना ही देश की 140 करोड़ जनता के लिए हैरान करने वाला था, इसी बीच विनेश का एक ट्वीट भी सोशल मीडिया में वायरल हो गया जिसे उन्होंने 12 अप्रैल को पोस्ट किया था। पोस्ट में विनेश ने स्पष्ट रूप से लिखा था की उनके खिलाफ साजिश रची जा सकती है, विनेश ने भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष भाजपा नेता बृजभूषण शरण सिंह और वर्तमान अध्यक्ष संजय सिंह पर गंभीर आरोप लगाते हुआ कहा था की इनका प्रयास है की किसी भी तरह मुझे ओलम्पिक में जाने से रोका जाये, जो कोच उपलब्ध कराये गए हैं वे सभी इन्ही के चहेते हैं, सम्भावना है की इनके द्वारा मुझे मैच के दौरान कुछ खिला कर डोप में फंसाया जा सकता है। 4 माह पूर्व किये गए विनेश के ट्वीट को देखने के लिए संलग्न तस्वीर को देखें।
4 माह पूर्व व्यक्त की गई सम्भावना उस समय सत्य होती दिखाई दें रहीं है ज़ब स्वर्ण पदक के द्वार पर पहुंची विनेश को अचानक अयोग्य करार दें दिया गया। ओलम्पिक कमेटी के इस निर्णय से जहाँ भारत की जनता हतप्रभ है वही लोग बिना किसी लाग लपेट के ये भी कह रहे हैं की विनेश के साथ धोखा किया गया है, लोग तो इतना भी कह रहे हैं की ये धोखा विनेश के साथ नहीं बल्कि देश के साथ किया गया है, मोदी सरकार की इस प्रकरण की गंभीरता से जांच करानी चाहिए और यदि भारत का कोई भी व्यक्ति इसमें संलिप्त पाया जाता है तो उसे देशद्रोही मनाकर कठोर सजा दी जाये।
देखना तो ये है की देश के सम्मान के प्रति पूरी तरह सजग मोदी सरकार इस विषय को कितनी गंभीरता से लेती है और क्या जाँच कराकर दोषी पाए गए व्यक्ति को सलाखों के पीछे भेज भारत की 140 करोड़ जनता को सकारात्मक सन्देश दें उनके आक्रोश को शांत करती है या नहीं।
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