• “उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 4,600 से अधिक व्यवसाय-केंद्रित एवं नागरिक-केंद्रित अनुपालनों को कम किया है तथा 577 प्रावधानों का गैर-अपराधीकरण किया गया है”
• “उत्तर प्रदेश ने व्यवसाय एवं निवेश के लिए अनुकूल वातावरण निर्मित करने के लिए 33 विभागों के 948 अनावश्यक नियमों/अधिनियमों को समाप्त कर दिया है”- अभिषेक प्रकाश, सचिव, औद्योगिक विकास एवं मु्ख्य कार्यपालक अधिकारी -इन्वेस्ट यूपी
• देश भर में कुल 42,349 अनुपालन कम किए गए हैं, जिनमें से 2,943 केंद्र सरकार द्वारा तथा 39,406 विभिन्न राज्यों से हैं: श्री भुवनेश प्रताप सिंह, उप-सचिव, डीपीआईआईटी, भारत सरकार
• दिल्ली, बिहार और झारखंड सरकार के अधिकारियों अधिकारियों ने अपने राज्यों में बिजनेस रिफॉर्म्स एक्शन प्लान हेतु अपनायी गयी गुड प्रैक्टिस को प्रस्तुत किया
लखनऊ। इन्वेस्ट यूपी द्वारा भारत सरकार के औद्योगिक संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT) के सहयोग आज गुरुवार को लखनऊ के होटल ताज में बिजनेस रिफॉर्म्स एक्शन प्लान (BRAP) 2024 एंड रिड्यूसिंग कम्पलायेंस बर्डन (अनुपालन भार को कम करना) पर एक महत्वपूर्ण एक दिवसीय क्षेत्रीय वर्कशॉप का आयोजन किया गया। वर्कशॉप में उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त दिल्ली, बिहार तथा झारखंड के राज्य सरकार अधिकारी व्यापार का पर्यावरण में सुधार करने तथा व्यवसायों एवं नागरिकों के लिए अनुपालन भार कम करने पर चर्चा तथा रणनीति निर्मित करने हेतु उपस्थित हुये।
तकनीकी सत्र में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार के उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के उप-सचिव भुवनेश प्रताप सिंह द्वारा बिजनेस रिफॉर्म एक्शन प्लान 2024 एवं अनुपालन भार को कम करने पर एक प्रस्तुति दी गई। तदोपरांत डीपीआईआईटी द्वारा राष्ट्रीय सिंगल विंडो प्रणाली पर विषयगत प्रस्तुतियाँ दी गईं। प्रस्तुति में इस तथ्य पर प्रकाश डाला गया कि विगत नौ वर्षों में बिहार तथा दिल्ली थ्राइविंग बिज़नेस ईकोसिस्टम के रूप में उभरे हैं, जबकि झारखंड “आकांक्षी” श्रेणी में आता है। उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) के अनुसार, उत्तर प्रदेश ने डीपीआईआईटी द्वारा संस्तुत सुधारों की 100% कार्यान्वयन दर प्राप्त की है तथा तकनीकी उन्नयन योजना (टीयूएस) के अंतर्गत इसे “अचीवर स्टेट” के रूप में वर्गीकृत किया गया है, इसके उपरांत झारखंड 95.17%, बिहार 86.07% तथा दिल्ली 63.92% पर है।
“रिड्यूसिंग कम्प्लायेंस बर्डन” के संदर्भ में हुई प्रस्तुति में डिजिटलीकरण, गैर-अपराधीकरण तथा सरलीकरण पर ध्यान केंद्रित करते हुए “संपूर्ण-शासन” दृष्टिकोण की आवश्यकता पर बल दिया गया। देश में कुल 42,349 कम किए गए अनुपालनों में से 2,943 केंद्र सरकार से तथा 39,406 विभिन्न राज्यों से हुए। अनुपालन कम किये जाने के उपक्रम के अंतर्गत 670 अद्वितीय अधिनियमों की समीक्षा की गई तथा उन्हें सुव्यवस्थित किया गया।
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बिजनेस रिफॉर्म एक्शन प्लान में सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार के अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग के सचिव तथा इन्वेस्ट यूपी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अभिषेक प्रकाश ने बिजनेस रिफॉर्म एक्शन प्लान एवं अनुपालन भार को कम करने (आरसीबी) में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किए गए ‘गुड प्रैक्टिसेज़’ पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी।
अभिषेक प्रकाश ने विभिन्न विभागों एवं औद्योगिक विकास प्राधिकरणों में स्वदेशी तथा विदेशी निवेशकों की सुविधा हेतु मुख्यमंत्री उद्यमी मित्रों की नियुक्ति सहित निवेश मित्र-सिंगल विंडो पोर्टल के माध्यम से राज्य निवेशकों को राज्य में उद्योग स्थापित करने के लिए आवश्यक विभिन्न एनओसी एवं अनुमोदन संबंधी आवेदन करने हेतु 490 से अधिक सेवाएँ प्रदान किए जाने का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश को बिजनेस रिफॉर्म एक्शन प्लान 2020 के अंतर्गत एक “अचीवर स्टेट” के रूप में मान्यता दी गई है तथा वर्ष 2022 में उत्तर प्रदेश ने सुधारों के कार्यान्वयन में 100% प्रदर्शन किया है जो अपने आप में एक महान उपलब्धि है।
इसके पूर्व अपने उद्घाटन वक्तव्य में प्रमुख सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग अनिल कुमार सागर ने वर्कशॉप में आए प्रतिनिधियों का स्वागत किया तथा आर्थिक विकास को गति देने में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की महत्वपूर्ण भूमिका के विषय में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा-“ईज ऑफ डूइंग बिजनेस से उद्यमिता को प्रोत्साहन प्राप्त होता है, निवेश आकर्षित होता है, रोजगार सृजित होते हैं, सरकारी राजस्व में वृद्धि होती है, भ्रष्टाचार कम होता है, सतत विकास को बढ़ावा मिलता है तथा प्रतिस्पर्धात्मकता में वृद्धि होती है। राज्य व्यापारी वातावरण में सुधार पर ध्यान केंद्रित करके सतत एवं समावेशी आर्थिक विकास प्राप्त किया जा सकता है।”
विवेक रंजन मैत्रे जी, निदेशक (तकनीकी विकास) उद्योग विभाग, बिहार सरकार ने राज्य की सफल उपक्रमों को साझा किया।
संजय कुमार साहू, महाप्रबंधक, राज्य एकल खिड़की, उद्योग विभाग, झारखंड सरकार द्वारा बीआरएपी 2024 तथा आर.सी.बी पर राज्यों एवं विभागों के साथ क्षेत्रीय वर्कशॉप में प्रस्तुति दी। उन्होंने झारखंड राज्य में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में वृद्धि करने हेतु की गई पहलों को दोहराते हुए राज्य की यात्रा पर अपनी बहुमूल्य अंतर्दृष्टि भी साझा की।
राज्यवार प्रस्तुतियों में व्यवसाय सुधारों एवं अनुपालन भार को कम करने की गुड प्रैक्टिसेस को प्रदर्शित किया गया। बिहार सरकार के उद्योग विभाग के निदेशक (तकनीकी विकास) विवेक रंजन मैत्रे ने राज्य की सफल पहलों को साझा किया।
इसके उपरांत भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के डीपीआईआईटी द्वारा श्रम विनियमन सक्षमता, कानूनी मेट्रोलॉजी और स्वास्थ्य सेवा पर विषयगत प्रस्तुतियां दी गईं।
झारखंड राज्य सरकार द्वारा बीआरएपी एवं आरसीबी में गुड प्रैक्टिस पर प्रस्तुति अनवारुल हक, प्रबंधक निवेश प्रोत्साहन (सिंगल विंडो प्रणाली), झारखंड सरकार द्वारा दी गई। डीपीआईआईटी द्वारा करों का भुगतान, राज्य उत्पाद शुल्क, व्यवसाय प्रवेश तथा पर्यावरण समर्थकों सहित थीमेटिक III पर प्रस्तुतियां प्रस्तुत की गईं।
दिल्ली सरकार के प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए रणजीत सिंह, विशेष आयुक्त II उद्योग, दिल्ली ने राज्यों की बी.ए.आर.पी. एवं आर.सी.बी. को प्रदर्शित किया। अंतिम थीमेटिक 4 प्रस्तुति में डीपीआईआईटी द्वारा उपयोगिता परमिट, निर्माण परमिट, अग्नि एनओसी तथा व्यापार लाइसेंस (यूएलबी, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग, अग्निशमन विभाग) को सम्मिलित किया गया।
पूर्व में उद्घाटन सत्र का आरंभ भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के डीपीआईआईटी के उपसचिव भुवनेश प्रताप सिंह उद्घाटन भाषण से हुआ। इस सत्र ने राज्यों में व्यापार करने की सुगमता में वृद्धि करने के उद्देश्य से व्यावहारिक चर्चाओं एवं सहयोगात्मक प्रयासों के लिए मंच निर्मित किया।
कार्यक्रम का समापन उत्तर प्रदेश सरकार के पिकप के प्रबंधन निर्देशक पीयूष वर्मा के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ। वर्कशॉप में मोहम्मद फैजान, धर्मेंद्र कुमार, अंकुर वत्स, रंजॉय सेन (डीपीआईआईटी से), साजो, इन्वेस्ट इंडिया, अखिलेश सौरिखिया, दिल्ली सरकार, रणजीत सिंह, दिल्ली सरकार, विवेक रंजन मैत्रे, निदेशक, तकनीकी विभाग, बिहार सरकार, अनवारुल हक, प्रबंधक निवेश प्रोत्साहन, झारखंड सरकार तथा संजय कुमार साहू (महाप्रबंधक राज्य सिंगल विंडो) प्रमुख रूप से सम्मिलित हुए।
वर्कशॉप उत्तर प्रदेश के आर्थिक वृद्धि एवं विकास के दृष्टिकोण को संरेखित करते हुए, व्यापार के अनुकूल वातावरण को प्रोत्साहन प्रदान करने और अनुपालन भार को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम रही।