मौलवी, आलिम करते थे छपाई, छात्र करते थे सप्लाई
उपकरणों के साथ 4 गिरफ्तार, आईबी ने मारा था छापा
प्रयागराज। देश में फैलाये जा रहे आतंक में मदरसों की भूमिका किसी से ढकी छुपी नहीं है लेकिन देश की अर्थव्यवस्था को चौपट करने की कोशिश में भी मदरसे अपनी भूमिका निभा रहे है इसका खुलासा तब हुआ ज़ब शंका के आधार पर जिले के एक मदरसे पर आईबी के छापे में नकली नोट का कारखाने बरामद हुआ, मामले में मदरसे के मौलवी, अलीम सहित कुछ छात्रों को भी गिरफ्तार कर लिया गया है, मदरसे का पंजीयन निरस्त करने के साथ उसपर बुलडोजर चलाये जाने की कार्यवाही शुरू होने वाली है।
देश की सुरक्षा से जुडी ये बेहद चौकानें वाली खबर प्रयागराज के अतरसुईया क्षेत्र में स्थित जामिया हबीबिया मदरसे से निकल कर आ रहीं है, मिल रहीं जानकारी के अनुसार खुलासा तब हुआ ज़ब मदरसे के आतंकी कार्यवाही में लिप्त होने की आशंका पर आई बी ने छापा मारा तो वहाँ नोट छापने की फैक्ट्री देखकर आई बी के होश उड़ गए। छापे में उच्च गुणवत्ता का प्रिंटर, नोट के लिए पेपर, स्याही और टेप बरामद किये गए।
पूछताछ में आईबी को पता चला की मदरसे में 100-100 के नोट छापे जाते थे जिन्हे बाजार में चलाने का जिम्मा मदरसे के छात्रों पर था. बताया जाता है नकली नोट छपाई का काम मदरसे के मौलवी और आलिम 25 वर्षीय तफसीरुल और 23 वर्ष का जाहिर खान करता था जिसे बाजार में खपाने की जिम्मेदारी मदरसे के छात्र 18 वर्षीय अफ़ज़ल और ताहिर पर था। नकली नोट के ये सौदागर एक असली नोट के बदले 3 नकली नोट देते थे।
जानकारी के अनुसार ये देशद्रोही प्रतिदिन 20 हज़ार के नोट छापते थे जो प्रतिमाह 6 लाख के हिसाब से पिछले 3 माह में कुल 18 लाख के नोटों की छपाई की गई थी। इन्हे खपाने के लिए अफ़ज़ल और ताहिर ने बस स्टेशन और रेलवे स्टेशन को चूना था जहाँ लोग जल्दी में होते है जिससे इन्हे नकली नोटों को खपाने में बड़ी आसानी होती थी।
प्रशासन के सूत्रों से मिल रहीं जानकारी पर यकीन करें तो इस गंभीर मामले को शासन ने भी पूरी गंभीरता से लिया है और मदरसे की मान्यता रद्द करने को कह दिया गया है इतना ही नहीं अपराधियों के विरुद्ध प्रदेश का सबसे बड़ा अस्त्र बुलडोजर भी अपने हाथ पाँव दुरुस्त कर रहा है जल्द ही इसे नहीं काम पर लगाए जाने की पूरी सम्भावना है।