बीच बचाव करते दिखे एक वृद्ध साधु, वीडियो वायरल
पुलिस ने कर दिया घटना से ही इंकार फिर बताया हुई सुलह
अयोध्या। प्रभुश्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के बाद प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी जिस अयोध्या को पर्यटन के विश्व मानचित्र के शीर्ष पर देखने के लिए रात दिन एक कर रहे है उसी अयोध्या को वहीं के एक ऐसे वर्ग ने धरातल में डुबोने वाला कुकृत्य किया है जिसकी जिम्मेदारी मोदी योगी के बाद सबसे ज्यादा बनती है, उसपर से रामनगरी की पुलिस भी ऐसे मामलों को दबाने का प्रयास करने के क्रम में एक तरह से इन गन्दी मानसिकता के लोगो को बढ़ावा देने के साथ श्रद्धांलुओं को अयोध्या में असुरक्षित होने का अहसास दिला रहीं है।
जी हाँ हम बात कर रहे हैं अयोध्या के साधुओं और अयोध्या पुलिस की, घटना दो दिन पुरानी अर्थात बुधवार की है, घटना से सम्बंधित वायरल वीडियो में स्पष्ट दिखाई दें रहा है युवती से छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए दो युवक एक साधु से हाथपाई कर रहे हैं जबकि एक अन्य साधु बुलेट पर बैठा है, वहीं हाथपाई कर रहे युवकों और साधु के बीच बीच बचाव एक अन्य वृद्ध साधु कर रहे हैं, हाथपाई कर रहे युवा साधु को वृद्ध साधु थप्पड़ भी मारते है।
रामनगरी जहाँ दुनिया भर के श्रद्धालु भारी संख्या में पहुँच रहे हैं वहां किसी साधु द्वारा किसी युवती के साथ छेड़छाड़ होना, विरोध करने पर मारामारी को तैयार हो जाना कितनी गंभीर बात है शायद इसका अनुमान न तो इस कथित साधुओं को है और न ही जिम्मेदार जिले की पुलिस को तभी तो घटना के बारे में जानकारी और हुई कार्यवाई की जानकारी के लिए ज़ब कैंट पुलिस से संपर्क किया गया तो थानाध्यक्ष कैंट अमरेंद्र सिंह ने ऐसी किसी भी घटना के होने से ही इंकार कर दिया लेकिन ज़ब उनसे ये पूछा गया की क्या वायरल हो रहा वीडियो फर्जी है तब उन्होंने घटना के भी होने को स्वीकार किया और दोनों पक्षों में सुलह कर लिए जाने की बात बताई।
लेकिन सवाल ये उठता है की यदि अयोध्या और सनातन की पहचान साधु ही ऐसी गन्दी और छिछोरी हरकत करने लगेंगे और पुलिस उसपर पर्दा डालने का काम करते हुए सुलह करवाने लगेगी तो देश विदेश से आने वाले श्रद्धांलुओं में अयोध्या, राम मंदिर और सनातम की क्या छवि बनेगी?, इसलिए ऐसे मामलों की पूरी गंभीरता से लेते हुए पुलिस को स्वयं ऐसे साधुओं पर कठोर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर अविलम्ब उन्हें जेल भेजना और कड़ी सजा दिलाने का प्रयास करना चाहिए।