हस्ताक्षरित चेक और बैनामे की मूल प्रति भी की हज़म
पीड़ित ने की मुकदमा दर्ज करने की मांग
गोण्डा। यूँ तो आजकल फटाफट लोन देने का झाँसा देकर लोगो को ठगने या फिर मनमाना ब्याज वसूली का धंधा आजकल सोसल मीडिया के माध्यम से जबरदस्त तरीके से चल रहा है जिसके शिकार आम जन से लेकर खास और पूँजीपति भी हो रहे हैं, लेकिन देश में बीमा और गृहऋण के क्षेत्र में सबसे बड़े सार्वजनिक उपक्रम एल आई सी द्वारा की गईं ऐसी ठगी की घटना सामने आना अपने आप में आश्चर्यजनक है जिसके एक कर्मचारी ने ऋण देने की प्रक्रिया में पहले तो हज़ारों की अवैध वसूली की उसके बाद पीड़ित की भूमि के मूल दस्तावेजों और हस्ताक्षरित चेक भी अपने पास रख लिए, इतना ही नहीं पीड़ित को गोण्डा अयोध्या के अनेकों चक्कर लगवाने के बाद बिना किसी उचित कारण को बताये ऋण देने से इंकार कर दिया, पीड़ित ने संस्थान के उच्चाधिकारियों को पूरे मामले से अवगत कराते हुए आरोपी पर मुकदमा दर्ज किये जाने की मांग की है।
पीड़ित पंकज दीक्षित ने बताया की उसने होम लोन हेतु वेबसाइट पर अप्लाई किया था जिस पर आलोक पाण्डेय नामक व्यक्ति ने प्रार्थी से काफ़ी दिनों तक बात किया और कागजात व्हाट्सअप पर मंगाया उसके बाद उसने लोन पास कराने के लिय खर्चे पानी की मांग की जिसे देने से इनकार कर दिया तब आलोक पाण्डेय ने प्रार्थी का फो़न उठाना बंद कर दिया और प्रार्थी का लोन प्रोसेस नहीं किया तथा कंपनी में झूठा फीडबैक दर्ज करके क्वेरी को बार बार बंद कर दिया गया।
पीड़ित श्री दीक्षित ने बताया की परेशान होकर ज़ब PGPORTAL पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई गईं तब उसके बाद अभिषेक दीक्षित एरिया मैनेजर ने फो़न किया और ई मेल करके दस्तावेज के साथ कार्यालय बुलाया,प्रार्थी ने सॉफ्ट कापी अभिषेक के व्हाट्सप मोबाइल पर भेजा और व्हाट्सअप पर चैट तथा फो़न पर वार्ता होती रही इसी क्रम में दिनांक 12-11-24 को व्हाट्सअप चैट एवं फो़न काल पर वार्ता करके उनके देवकाली फैजाबाद स्थित कार्यालय पर अपने ड्राइवर एवं स्टाफ के साथ गया जँहा पर लगभग 4.30 PM पर पहुंचा जँहा पर अभिषेक दीक्षित एवं 3-4 अज्ञात कर्मचारियों ने फॉर्म पर कई जगह हस्ताक्षर कराया और फोटो,बैनामा दस्तावेज तथा हस्ताक्षर युक्त चेक,खेतौनी एवं इत्यादि ओरिजल दस्तावेज लेकर सारी फ़ार्मेलिटी कराया और लॉगिन फीस के नाम पर 2900 रुपया कैश जमा कराया,यह सब कार्यवाही व फ़ार्मेलिटी करने में 6 बज गया तब अभिषेक दीक्षित ने कहा कि आज देर हो गया है अब आप जाइये मै इसको प्रोसेस कर दूंगा और कल शाम को स्टेटस के बारे में बताऊंगा तब प्रार्थी वापस गोंडा चला आया,प्रार्थी ने दूसरें दिन स्थिति जानने के लिय कोशिस किया लेकिन अभिषेक दीक्षित के द्वारा कोंई सकारात्मक जवाब नहीं दिया।
इसी बीच दिनांक -14-11-24 को कुछ लोग प्रार्थी के पास गोंडा आयें कहे कि मै LIC कार्यालय फैजाबाद से जांच करने आया हूँ मुझे अभिषेक दीक्षित सर ने भेजा है जिन्हें प्रार्थी अपने प्लॉट पर लें गया वंहा उन्होंने प्लॉट देखा उसके बाद चले गये कहे कि एक सप्ताह में लोन पास हो जाएगा,प्रार्थी लोन का इंतजार करता रहा इसी क्रम में 15-11-24 को कुछ लोग पुनः आयें और कहे कि अभिषेक दीक्षित सर ने भेजा है प्रोसेस फीस 11000 रुपय नगद जमा कर दीजिए उसके बाद दो दिन में आपका लोन धनराशि खाते में आ जाएगा फिर वह लोग पैसा लेकर चले गये,उसके बाद अभिषेक दीक्षित कोंई रिस्पॉन्स नही कर रहें है न लोन पास कराएं न प्रार्थी का पैसा,ओरिजनल चेक एवं ओरिजनल बैनामा दस्तावेज की मूल प्रति वापस कर रहें है,प्रार्थी को व्हाट्सप पर जवाब दिया कि पैनल अधिवक्ता के रिस्पांस का इंतज़ार कर रहा हूँ जबकि प्रार्थी ने पता किया तो पता चला प्रार्थी का लोन प्रोसेस ही नहीं किया गया,दिनांक -16-11-24 को अभिषेक दीक्षित ने फ़ोन करके बताया कि पैनल अधिवक्ता ने मना करा दिया है।
पीड़ित ने अपने उत्पीड़न पर प्राथमिकी दर्ज किये जाने की मांग करते हुए कहा की शिकायत से सम्बंधित सभी साक्ष्य प्रार्थी के पास उपलब्ध है,प्रार्थी के पास ऑनलाइन आवेदन,व्हाट्सअप चैट आलोक पांडे,शिकायत PGPORTAL,ई-मेल अभिषेक दीक्षित,मोबाइल चैट अभिषेक दीक्षित,ई मेल जिसमें कार्यालय दस्तावेज के साथ बुलाया और व्हाट्सअप चैट दस्तावेज की सूची एवं जाने के समन्ध में हुई चैट एवं काल इत्यादि का साक्ष्य उपलब्ध है ,एवं गवाह के रूप में प्रार्थी का ड्राइवर एवं अन्य स्टाफ गवाह मौजूद है तथा मोबाइल लोकेशन एवं गाड़ी में लगे GPRS एवं CCTV इत्यादि पहलुओं की जांच कराकर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराते हुये आवश्यक कार्यवाही करते हुये या तों प्रार्थी का समस्त ओरिजिनल दस्तावेज वापस कराया जाये या लोन पास कराया जाना आवश्यक व न्यायोचित प्रतीत हो रहा है।
वहीं पीड़ित द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों पर एल आई सी के ए एस एम अभिषेक दीक्षित से उनका पक्ष जानने के लिए ज़ब उनके मोबाइल नंबर पर संपर्क किया गया तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया।