जिलाधिकारी ने कैमरे पर बताई पूरी सच्चाई, रोका सभी का वेतन
कानपुर। नवागत जिलाधिकारी द्वारा सी एम ओ कार्यालय के औचक निरिक्षण में सी एम ओ सहित 30% कर्मचारी नदारद मिले, चेतावनी के तौर पर सभी का एक दिन का वेतन रोक दिया गया है, जिलाधिकारी के इस निर्णय और औचक निरिक्षण की चर्चा जिले भर में सुर्खिया बटोर रही है।
विगत 18 जनवरी को जिलाधिकारी कानपुर का पद सँभालने वाले आई ए एस जीतेन्द्र प्रताप सिंह अपनी कार्यशैली से जिले में चर्चा का विषय बने हुए हैं।
ज्ञात हो की शासन का निर्देश है की सभी विभागाध्यक्ष अपने कार्यालय में सुबह 10 से 12 तक अवश्य बैठेंगे और जन समस्याओं का निराकरण करेंगे, शासन के इसी निर्देश के अनुपालन को सुनिश्चित कराने के लिए जिलाधिकारी जीतेन्द्र प्रताप ने मंगलवार को सुबह लगभग दस बजे कानपुर के मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय का निरिक्षण किया जो लगभग 20 मिनट चला।
निरिक्षण के उपरांत मीडिया के कैमरे पर आकर जिलाधिकारी जीतेन्द्र प्रताप सिंह ने मिली खामियों को बेबाकी से बताते हुए कहा की कार्यालय का मुखिया ही ज़ब अभीतक कार्यालय में नहीं है तो कर्मचारी कैसे समय पर आएंगे, उन्होंने कार्यालय से नदारद कर्मचारियों की जानकारी देते हुए बताया की सी एम ओ कार्यालय में तैनात 10 डाक्टरों में से 5 अभीतक नहीं आये हैं, आउटसोर्सिंग के आठ में से सात कर्मचारी अनुपस्थित हैं, नियमित 45 कर्मचारी में से 13 गायब हैं, कुल मिलाकर 101 कर्मचारियों में 34 लोग अनुपस्थित है।
जिलाधिकारी ने नदारद कर्मचारियों का चेतावनी स्वरुप एक दिन का वेतन रोकने का आदेश जारी किया है। उन्होंने ये भी चेतावनी दी की यदि ऐसी लापरवाही फिर मिली तो विभागीय कार्यवाही की जाएगी।