जिम्मेदारों ने साध रखा है मौन, किसी का फोन स्विच ऑफ़ तो कोई रिसीव नहीं करता कॉल
गोण्डा। अतिक्रमण हटाने के नाम पर गरीबों के टीन टप्पर को जमींदोज करने वाला जिला या नगर प्रशासन अब स्वयं अतिक्रमण पर उतर आया है, प्रशासन की मनमानी न्यायालय के निर्देशों का भी स्पष्ट उल्लंघन है, सवाल तो ये है की आखिर प्रशासन के इस अवैध कारनामें पर कौन लगाम लगाएगा? संलग्न वीडियो में आप साफ देख सकते हैं की किस तरह नालों के ऊपर निर्माण किया जा रहा है जो पूरी तरह अवैध है।
जी हाँ, अभीतक तो ये जानकारी थी की प्रशासन विद्यालय की चिंताओं को दरकिनार कर विद्यालय की चाहरदिवारी से लगाकर रेहड़ी पटरी वालों को स्थायित्व देने के नाम पर वेंडिंग जोन के तहत दुकानों का निर्माण कर रहा है लेकिन ज़ब और जानकारी की गईं तो पता चला इतना ही नहीं इसके अतिरिक्त दो और स्थानों पर भी इसी तरह का निर्माण किया जा रहा है, खास बात तो ये है की इन दोनों स्थानों पर जारी निर्माण नालों के ऊपर हो रहा है जो की न्यायालय के आदेशों का भी स्पष्ट उल्लंघन है।
स्थानीय राजकीय इंटर कालेज की बॉउंड्री से लगे निर्माण के साथ ही श्री लालबहादुर शास्त्री महाविद्यालय के सामने गाँधी पार्क की बॉउंड्री से लगे और सिंचाई विभाग की बॉउंड्री से सटाकर भी ऐसा निर्माण कराया जा रहा है, ध्यान देने वाली बात ये है की इन दोनों स्थानों पर किया जा रहा निर्माण पूरी तरह से वहां से बह रहे नालों के ऊपर हो रहा है।
प्रकरण पर ठेकेदार आशीष श्रीवास्तव का कहना है की हमारा काम निर्माण कराना है प्रशासन जहाँ ज़मीन देगी हमें वहीं अपना काम करना है, उन्होंने स्पष्ट बताया की ज़मीन की उपलब्धता हमें नगर पालिका द्वारा कराई गईं है इस मामले में अधिशाषी अधिकारी नगर पालिका ही उत्तर दे सकते हैं।
ज्ञात हो की पूर्व में इसी तरह डूडा परियोजना अधिकारी अंशिका का कहना था की इस निर्माण का आदेश जिलाधिकारी की ओर से आया है जिसका हम मात्र अनुपालन कर रहे हैं।
मामले पर अधिकारियों का रवैया कितना ख़राब या कहे जवाबदेही से बचने का प्रयास किस स्तर तक है इसका प्रमाण रो तब मिला ज़ब अधिशाषी अधिकारी नगर पालिका संजय मिश्र से बात करने की कोशिश की गईं तो हमेशा की तरह उनका मोबाईल बजता रहा लेकिन उन्होंने उसे रिसीव करने की जहमत नहीं उठाई जबकि सिटी मजिस्ट्रेट पंकज वर्मा का सी यू जी नंबर किसी और नंबर पर डायवर्ट बताता रहा।
अब आसानी से समझा जा सकता है की जिन अधिकारियो पर नगर या जिले के अतिक्रमण को हटाने की जिम्मेदारी हो ज़ब वे स्वयं अतिक्रमण को बढ़ावा देने लगे और जवागदेही से भी बचे तो उनपर कौन कार्यवाई करेगा?