गोण्डा। रंगो के पावन पर्व होली पर यूं तो हर कोई रंगो से सराबोर होने को आतुर रहता है। हर ओर जिसे देखो वही रंगबिरंगी काया में डूबा नजर आता है,लेकिन रंग खेलते समय रंगो के चुनाव को लेकर, काफी अपने स्वास्थ्य को लेकर भी सजग रहने की आवश्यकता है। आइए देखते हैं कि इस बारे में विशेषज्ञ क्या कहते है।
क्या कहते हैं स्किन विशेषज्ञ डॉक्टर दीपक कुमार
मेडिकल कॉलेज के जिला चिकित्सालय में कार्यरत चर्म रोग एक्सपर्ट डॉक्टर दीपक कुमार का कहना है कि रंगो को लेकर विशेष सावधानी बरती जानी चाहिए। मार्केट में उपलब्ध केमिकल वाले रंगो से होली न खेलें। यह आपके चेहरे त्वचा को बदरंग करने के साथ ही दर्द भी दे सकते है। अब बाजारों में हर्बल गुलाल हर्बल रंगो की भरमार है। आप इन प्राकृतिक रंगों का चयन कर अपनी होली को रंगीन बना सकते है। असावधानी के चलते यदि किसी को केमिकल वाले रंगो के द्वारा चेहरे, त्वचा, पर जलन होती है तो ऐसे में साबुन और साफ पानी से प्रभावित जगह को अच्छी तरह धो लें फिर भी यदि तकलीफ है तो विशेषज्ञ को दिखाएं।
क्या कहते है नेत्र विशेषज्ञ डॉक्टर पुनीत श्रीवास्तव
वही जीवनदीप चिकित्सालय के नेत्र विशेषज्ञ डॉ पुनीत श्रीवास्तव ने बताया कि होली के पर्व पर रंगो के द्वारा आंखों को हानि पहुंचने की संभावना बढ़ जाती है। कभी कभी रंगों का आंखो में सीधे चले जाना घातक हो सकता है, केमिकल वाले रंग आंखो को बहुत हानि पहुंचा सकते है जिससे आंखो की रोशनी भी जा सकती है। ऐसे में चाहिए की आंखों पर चश्मा लगा कर ही होली खेले। बच्चों को भी इसके लिए प्रेरित करे की वो आंखो पर चश्मा लगा कर रंग खेले। यदि रंग आंखो में चला जाए तो रगड़े नही, प्रभावित आंख को अच्छी तरह साफ पानी से धुले। आराम न मिलने पर आंख के विशेषज्ञ को दिखाएं